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Face To Face MP: खेल गया ‘विजयपुर’..जीत रह गई दूर? विजयपुर में कांग्रेस को किस बात का फायदा मिला?

Face To Face MP: खेल गया 'विजयपुर'..जीत रह गई दूर? विजयपुर में कांग्रेस को किस बात का फायदा मिला?

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Modified Date: November 24, 2024 / 12:01 AM IST
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Published Date: November 24, 2024 12:01 am IST

भोपाल। Face To Face MP: मध्यप्रदेश में हुए दोनों उपचुनाव के रिजल्ट आ गए। बुधनी में जीत अपेक्षित थी पर विजयपुर में हुई हार ने बीजेपी के सामने कई सवाल खड़े कर दिए हैं । कहते हैं जब भी उपचुनाव होता है तो पूरी सरकार चुनाव लड़ती है पर तगड़ी लड़ाई के बाद भी विजयपुर के किले में बीजेपी सेंध नहीं लगा पाई। तो ये हार किसकी है ये सवाल अहम हो गया है।

भले ही महाराष्ट्र से कांग्रेस के लिए अच्छी ख़बर नहीं आई हो, लेकिन ये खुशी एमपी के एक कैबिनेट मीनिस्टर को उसी के घर में हराने की है। ये सतीश सिकरवार है जो विजयपुर में कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश मल्होत्रा की जीत पर इतने खुश हो गए कि जिस आदिवासी वोटर्स की बदौलत जीते उसी पर पैसों की बारिश कर दी। इसके बाद विजयपुर जीत पर बयानों की बौछार हो गई। कोई कह रहा गद्दारी की सजा मिली, तो कोई कह रहा करारा जवाब मिला, तो कोई महाराष्ट्र की जीत की भूमिका बताते हुए अपनी हार स्वीकार कर रहा है।

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ऐसा लगा कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कैबिनेट मीनिस्टर की हार को बड़े लाइट मोड में लिया उन्होंने कहा कि आजादी के बाद आज तक हम विजयपुर में एक बार ही जीते हैं, लेकिन पिछली हार से हमारा अंतर कम हुआ है। उधर बुधनी में बीजेपी ने शुरूआती राउंड में हार के बाद कम मार्जिन से ही सही ये सीट जीत ली। एक साल पहले इसी सीट पर बीजेपी के जीत का अंतर 1 लाख से ज्यादा था जो इस बार 13 हजार पर सिमट गया।

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 Face To Face MP: महाराष्ट्र की बड़ी जीत ने जहां बड़ा संदेश दिया तो वहीं एमपी की दोनों सीटों पर बीजेपी को कई सबक भी मिले हैं। एक कैबिनेट मीनिस्टर का हारना, दूसरी सीट पर जीत का मार्जिन 90 हजार से कम हो जाना। वजह कई हैं सिंधिया का प्रचार में न जाना, रावत को मंत्री बनाए जाने से बीजेपी के एक धड़े का नाराज होना, आदिवासियों को साध न पाना, और बुधनी में बीजेपी के कार्यकर्ताओं का प्रत्याशी को लेकर विरोध और एकजुटता का न होना एक बड़ी वजह है।

 

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