भोपाल। Face To Face MP: आज आदिवासी दिवस है और एमपी में कोई सार्वजनिक अवकाश नहीं है और इसी पर एमपी में सियासी रस्साकशी अपने चरम पर है। कांग्रेस पार्टी, बीजेपी को आदिवासी विरोधी बता रही है। कह रही है कि जब एमपी में कमलनाथ की कांग्रेस सरकार थी..तब 9 अगस्त के दिन को विश्व आदिवासी दिवस के तहत छुट्टी घोषित की गई थी, लेकिन बाद में बीजेपी सरकार ने इस अवकाश को रद्द कर दिया, जबकि बीजेपी इस पर आदिवासियों के लिए किए गए अपने काम गिना रही है।
आज विश्व आदिवासी दिवस है। इस मौके पर सार्वजनिक छुट्टी घोषित नहीं होने पर एमपी में सियासत तेज है। PCC अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मोहन सरकार को घेरते हुए आदिवासी विरोधी बताया तो नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने भाजपा पर जहरीले सांप की तरह आदिवासियों को डसने का आरोप लगाया। उमंग सिंघार ने एमपी में आदिवासी मुख्यमंत्री की भी मांग कर डाली। इधर कांग्रेस विधायक डॉ विक्रांत भूरिया ने कहा कि BJP आदिवासी समुदाय को वनवासी कहकर अपनी द्वेष भावना को ज़ाहिर कर रही है।
Face To Face MP: कांग्रेस के आरोपों पर सत्तारूढ़ BJP ने पलटवार किया कि BJP ने आदिवासियों को हमेशा सम्मान दिया। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती और जनजाति दिवस मनाना इसका बड़ा उदाहरण है। कांग्रेस का तर्क है कि दीपावली, दशहरा व मोहर्रम पर अवकाश रखा जाता है। लेकिन आदिवासियों के सबसे बड़े पर्व पर अवकाश नहीं है। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी को केवल आदिवासियों का वोट चाहिए, उन्हें आदिवासी संस्कृति से कोई मतलब नहीं है, जबकि बीजेपी आदिवासियों के लिए किए गए अपने काम गिना रही है, लेकिन सवाल ये है कि क्या आदिवासी दिवस के दिन केवल छुट्टी देकर आदिवासियों का भला हो जाएगा या फिर कांग्रेस की मांग जायज है ?