भोपाल। Face To Face Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश में आज जनजातीय सम्मान समारोह के बहाने सियासत गर्म रही। एक तरफ बीजेपी आदिवासियों को रिझाने में लगी रही तो दूसरी ओर कांग्रेस ने सरकार को सवालों के जरिए घेरने की कोशिश की। दोनों का मकसद एक ही आदिवासियों के बीच आधार बढ़ाना। क्या बीजेपी आदिवासियों के बीच पैठ बढ़ा पाएगी। क्या कांग्रेस आदिम वोटबैंक को दोबारा हासिल कर पाएगी। ये सवाल इस वक्त हवा में तैर रहे हैं।
मध्यप्रदेश के सत्ता के सिहांसन पर बिठाने और शिखर से उतारने का माद्दा आदिवासी वोटर रखते है। यही कारण है कि आदिवासी का सच्चा हितैषी बनने की होड़ सियासी दलों में लगी रहती है। एमपी में आज भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाई जा रही है प्रदेश के आदिवासी अंचल शहडोल और धार में बड़े आयोजन हुए, जिसमें पीएम मोदी भी वर्चुअली जुड़े।
Face To Face Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश में आदिवासी वर्ग एक बड़ा वोट बैंक है इसलिए सियासत के केंद्र में भी हमेशा आदिवासी रहते है यही कारण है कि कांग्रेस और बीजेपी में जुबानी जंग हो रही है नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने तो बकायदा सरकार से 13 सवाल पूछकर जवाब माँगा है कि आदिवासियों के लिए आपने क्या किया। एमपी की राजनीति में आदिवासी वोटर्स काफी निर्णायक हैं, फिलहाल सूबे में कोई चुनाव नहीं हैं। ऐसे में सवाल है कि क्या मध्यप्रदेश में आदिवासियों पर हो रही इस बयानबाजी का एजेंडा आदिवासियों को साधने का है। सवाल ये भी कि इन बयानों का लाभ किसे और कितना मिलता है?