Face To Face Madhya Pradesh: भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनाव के बाद के शांतिकाल में भी कांग्रेस और बीजेपी के बीच मोर्चा गर्म है। कांग्रेस जनमुद्दों को लेकर सड़क पर उतर रही है तो बीजेपी तिरंगे के जरिए राष्ट्रवाद का तड़का लगा रही है। कांग्रेस ने अगस्त क्रांति की तर्ज पर पूरे महीने प्रदेश में अलग-अलग प्रदर्शनों की रणनीति बनाई है, तो देश और प्रदेश की सत्ता पर काबिज भाजपा विभाजन विभीषिका दिवस के जरिए कांग्रेस को एक्सपोज करने की तैयारी में है। जाहिर है दोनों दलों के पास अपने एजेंडे हैं अपने प्लान हैं। लेकिन, जनमुद्दों पर प्रदर्शन और राष्ट्रवाद के ज्वार में असरदार कौन होगा ये बड़ा सवाल है।
अगस्त के महीने में मध्यप्रदेश में सियासत का मोर्चा गर्म रहने वाला है। भाजपा 14 अगस्त को भारत विभाजन विभीषिका दिवस मनाने की तैयारी कर रही है। प्रदर्शनी और गोष्ठी के जरिए प्रदेश के युवाओं को जहां 14 अगस्त 1947 की याद दिलाई जाएगी तो हर घर तिरंगा अभियान भी चलेगा। भाजपा आरोप लगा रही है कि अखंड भारत को खंडित करने की जिम्मेदारी कांग्रेस की है तो वहीं कांग्रेस वादा खिलाफी समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए अगस्त क्रांति की तर्ज पर आंदोलन करने जा रही है, जिसके तहत पूरे महीने कांग्रेस बैक टू बैक आंदोलन करेगी।
कांग्रेस ने भाजपा पर देश के गौरवशाली इतिहास से भी छेड़छाड़ करने का आरोप भी लगाया। कांग्रेस ने अपनी रणनीति के तहत आंदोलन की शुरूआत इंदौर से कर दी। मंगलवार को नगर निगम में घोटालों और अन्य मुद्दों को लेकर हल्लाबोल प्रदर्शन किया। इस दौरान पीसीसी चीफ जीतू पटवारी और अन्य कांग्रेस नेता मौजूद रहे। अगला पड़ाव भिंड में है फिर 30 अगस्त को भोपाल में कांग्रेस हल्लाबोल करेगी। इधर कांग्रेस की अगस्त क्रांति पर सत्ताधारी दल बीजेपी ने जमकर निशाना साधा है।
जाहिर है दिल्ली से लेकर भोपाल तक बहुमत में रहने के बावजूद भी बीजेपी 14 अगस्त को विभाजन विभिषिका अभियान चलाकर फिर देश के सामने कांग्रेस को एक्सपोज़ करने की तैयारी मे है तो कांग्रेस भी अगस्त क्रांति की तर्ज पर सरकार को घेरने की रणनीति बना रही है। दोनों के पास अपने एजेंडे हैं, अपना प्लान है, देखना ये है कि इन अभियानों से किसको सियासी फायदा होने वाला है?
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