Experts from Africa will catch Nilgai : भोपाल। प्रदेश के 35 जिलों में समस्या बन रही नीलगायों से किसानों बड़ी राहत मिलने वाली है। अब नीलगायों को अफ्रीका से आये विशेषज्ञ पकड़ेंगे और उन्हें चीतों के दूसरे संभावित ठिकाने गांधी सागर अभ्यारण्य में छोड़ा जाएगा। फिलहाल यह ठिकाना अभी तैयार किया जा रहा है। नीलगायों को पकड़ने में अफ्रीकी विशेषज्ञों की मदद लेने का प्रस्ताव वन्यप्राणी मुख्यालय ने शासन को भेजा था, जो अब स्वीकार कर लिया गया है।
इसके लिए दो करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इस राशि से दक्षिण अफ्रीका के विशेषज्ञ हेलिकाप्टर किराये पर लेंगे, जिससे हाका देकर बोमा बाड़े की मदद से नीलगायों को पकड़ा जाएगा। नीलगायों को पकड़ने का यह अभियान अक्टूबर से शुरू किया जा सकता है।
आपको बता दें कि नीमच, मंदसौर, धार, छिंदवाड़ा, छतरपुर, टीकमगढ़, रायसेन, विदिशा, नरसिंहपुर सहित प्रदेश के 35 जिलों में नीलगाय बड़ी समस्या हैं। नीलगायों के झुंड खेतों में घुस जाते हैं और फसलों को तहस-नहस कर देते हैं। रबी और खरीफ फसल के साथ यह समस्या ग्रीष्मकालीन फसलों के समय सबसे अधिक सामने आती है।
Experts from Africa will catch Nilgai : दरअसल, पिछले एक दशक में कई बार विधानसभा और राज्य वन्यप्राणी बोर्ड की बैठक में भी यह मामला उठ चुका है। वन्यप्राणी मुख्यालय ने फसलें बर्बाद करती नीलगायों के शिकार के भी नियम बनाए, पर सरकार ने अनुमति नहीं दी, क्योंकि इसके नाम में ‘गाय’ शब्द जुड़ा है, जबकि यह हिरण की प्रजाति है।