Face To Face Madhya Pradesh: भोपाल। बुलडोजर पर सुप्रीम कोर्ट के ऑब्जर्वेशन के बीच सीएम मोहन यादव ने दो टूक ये कहा कि मप्र में कानून का राज होगा। क्या इसका मतलब ये है कि वो एक सख्त और चुस्त शासन की बात कर रहे हैं, क्या वो एक निर्णायक और एक्शन मोड पर रहने वाली सरकार की अगुवाई करना चाहते हैं? क्या नई सरकार अपनी छवि प्रो एक्टिव गवर्नमेंट की बनाना चाहती है?
बुलडोजर वाली कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद एमपी के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के इस बयान के कई मायने हैं और उनके इस बयान को कई तरह से देखा जा रहा है। सीएम ने ये भी कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के आधार पर चलेंगे। ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के तहत ही एमपी ने सबसे पहले कोलाहल करने वाले स्पीकर उतारे हैं और आगे भी कहा कि एमपी में कानून व्यवस्था के तहत ही सरकार चलेगी, सब पर एक कानून लागू होगा।
सीएम के बयान के बाद कांग्रेस ने कई सवाल उठाए। कांग्रेस का कहना है कि एमपी में कानून व्यवस्था की स्थिति क्या है। ये हर रोज दलितों और आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार से साफ हो चुकी है। कांग्रेस का कहना है कि गृह विभाग खुद सीएम के पास है और वो इसे चलाने में असफल रहे हैं।
लॉ एंड ऑर्डर को लेकर कांग्रेस लगातार एमपी में सरकार को घेर रही थी, क्योंकि पिछले कुछ दिनों में हर दूसरे रोज एक ऐसा वीडियो सामने आता जिससे प्रशासन की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में होती। लेकिन, सवाल ये है कि सीएम के बयान से क्या उन सारे सवालो के जवाब मिल गए हैं, जो कांग्रेस उठा रही थी और सवाल ये भी है कि क्या SC के बुलडोजर पर ऑब्जर्वेशन के मद्देनजर सीएम का बयान महज एक इशारा है?
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