ये दोनों तस्वीर भारत देश के मध्य प्रदेश राज्य के दो अलग-अलग जिलों की है। खंडवा और नरसिंहगढ़ में मोहर्रम के मातम के दौरान मुस्लिम समाज के लोगों ने फिलिस्तीन का झंडा ऐसे लहराया जैसे वो अपने देश भारत का झंडा लहरा रहे हो। ये सब कुछ बीच सड़क पर घंटों होता रहा है और सैकड़ों लोगों के बीच होता रहा। स्थानीय लोगों ने ये कहते हुए पुलिस से शिकायत कि फिलिस्तीन का झंडा लहराना एक तरह से भारत का विरोध करना है और झंडा लहराने वालों के खिलाफ राजद्रोह के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। इस पर पुलिस ने कहा कि फिलिस्तीन का झंडा लहराने वालों की शिनाख्त की जा रही है।
अब सवाल ये उठता है कि मोहर्रम के जुलूस में किसके कहने पर फिलिस्तीन का झंडा लहराया गया। ऐसा किसी एक जगह पर नहीं बल्कि कई जगहों पर किया गया। क्या ये किसी की सोची समझी रणनीति है, जिसके तहत ये किया गया। बीजेपी ने जहां इसका विरोध करते हुए कहा कि एमपी में ये नहीं चलेगा तो वहीं कांग्रेस ने इसके लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है।
इससे पहले AIMIM के चीफ असद्दुदीन ओवैसी ने भारत की संसद में भारत के सांसद के रुप में शपथ लेते हुए जय भारत का नारा न लगाकर जय फिलिस्तीन कहा था, जिसे सांसद के रिकॉर्ड से हटा दिया गया है। लेकिन, वो अभी भी अपने बयान पर कायम है। अब सवाल ये है कि क्या अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर अपने देश में रहकर दूसरे देश की जय कहना या उसका झंडा लहराना देशद्रोह नहीं है।