MP News: बेंगलुरू दौरे पर जाएंगे CM मोहन यादव, इन्वेस्टर्स समिट में उद्योगपतियों से करेंगे खास मुलाकात, निवेश-व्यवसाय की भरपूर संभावनाएं

Investment and business opportunities in MP: बेंगलुरू दौरे पर जाएंगे CM मोहन यादव, इन्वेस्टर्स समिट में उद्योगपतियों से करेंगे खास मुलाकात

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  • Publish Date - August 5, 2024 / 11:13 AM IST,
    Updated On - August 5, 2024 / 11:13 AM IST

Investment and business opportunities in MP: भोपाल। मध्य प्रदेश भारत के खनन और खनिज क्षेत्र में अपनी श्रेष्ठता को लगातार साबित कर रहा है। इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव दो दिवसीय प्रवास पर बैंगलुरू जाने वाले हैं। जहां वे 8 अगस्त को इंटरेक्टिव सेशन में प्रदेश में उपलब्ध खनिज संपदा पर उद्योगपतियों का ध्यान आकर्षित कर निवेश के लिए प्रोत्साहित करेंगे। मिनरल ऑप्शन के लिए मप्र को राष्ट्रीय स्तर पर पहला पुरस्कार भी मिल चुका है।

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प्रदेश में जल्दी ही एल्युमिनियम, लेटराइट, बॉक्साइट, मेटल, डायमंड, गोल्ड, लाइमस्टोन मैंगनीज के 33 ब्लॉक की नीलामी होने जा रही है। 17 कोल ब्लॉक के ऑक्शन भी प्रक्रिया में है। प्रमुख खनिजों के 20 ब्लॉक ऑक्शन की प्रक्रिया में है। इनमें मैंगनीज, डायमंड बॉक्साइट, लेटराइट, गोल्ड, बेस मेटल और लाइमस्टोन हैं। इस दृष्टि से मप्र में खनिज संपदा में निवेश की बहुत ज्यादा संभावना बनी हैं। पिछले साल एक साथ 51 ब्लॉक का आक्शन हुआ था, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है।

डायमंड भंडार का 90 प्रतिशत मध्य प्रदेश में

देश में उपलब्ध डायमंड भंडार का 90% मप्र में पाया जाता है। यह अकेले पन्ना और छतरपुर में है। इस दृष्टि से यहां डायमंड बिजनेस पार्क और और कंपोजिट लाइसेंस के लिए 5 ब्लॉक की पहचान की गई है। मप्र पायरोफ्लाइट के उत्पादन में भी अग्रणी राज्य है। यहां देश के उत्पादन का 41% उत्पादन हो रहा है। देश में सर्वाधिक भंडार 14 मिलियन टन मध्यप्रदेश में है, जो छतरपुर, शिवपुरी और टीकमगढ़ में है। इसके भंडारण को देखते हुए देश में सेरेमिक, पॉटरी, पोर्सलिन और टाइल्स उद्योगों के लिए सबसे लाभकारी निवेश स्थान है।

मध्य प्रदेश देश का चौथा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक राज्य

मप्र में पाए जाने वाले प्रमुख खनिज संसाधनों में कोयला, लाइमस्टोन, डायमंड और पायरोफ्लाइट है। मप्र देश का चौथा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक राज्य है। यहां सिंगरौली, सीधी, छिंदवाड़ा, बैतूल, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया और नरसिंहपुर भरपूर कोयला भंडार है। कोयले का उपयोग थर्मल पावर प्लांट्स और कोल गैसीफिकेशन प्लांट्स में होता है। इनसे संबंधित उद्योगों के लिए निवेश की भरपूर संभावनाएं हैं। मप्र में चूना पत्थर का भी प्रदेश में भरपूर भंडार है। यहां रीवा, सतना, सीधी, मैहर, दमोह, कटनी पन्ना, धार और नीमच में भरपूर भंडार है। देश के कुल लाइमस्टोन भंडार का 9% मप्र में है। इस दृष्टि से सीमेंट उद्योग के लिए मप्र एक आदर्श निवेश स्थान है। यहां जो लॉजिस्टिक क्षेत्र में सुधार हुआ है, इस दृष्टि से भी मप्र से देश के सभी राज्यों का संपर्क बेहतर हो गया है।

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प्रदेशभर में समृद्ध खनिज संपदा

Investment and business opportunities in MP: पूरा मप्र खनिज संपदा से भरा पड़ा है। ग्वालियर और शिवपुरी में आयरन और क्वार्ट्ज और फ्लैगस्टोन पाया जाता है। झाबुआ और अलीराजपुर में रॉक फास्फेट डोलोमाइट, लाइमस्टोन, मैंगनीज और ग्रेफाइट मिलता है। नीमच में लाइमस्टोन, बैतूल में कोल, ग्रेफाइट ग्रेनाइट, लेड और जिंक मिलता है। छिंदवाड़ा में कोल, मैंगनीज और डोलोमाइट मिलता है। बालाघाट में कॉपर, मैंगनीज, डोलोमाइट, लाइमस्टोन, बॉक्साइट, मंडला और डिंडोरी में डायमंड, डोलोमाइट और बॉक्साइट, सिंगरौली में कोल, गोल्ड, आयरन और शहडोल, अनूपपुर, उमरिया में कोल, कॉल बेड मीथेन, बॉक्साइट, सागर, छतरपुर और पन्ना में डायमंड, रॉक फॉस्फेट डायस्पोर, आयरन और ग्रेनाइट मिलता है। जबलपुर में डोलोमाइट, आयरन अयस्क, लाइमस्टोन, मैंगनीज, गोल्ड और मार्बल मिलता है।

 

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