CM Mohan Yadav on Kamal Nath

CM Mohan Yadav on Kamal Nath : कमलनाथ के बयान पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने किया पलटवार, छिंदवाड़ा को रणभूमि बनाने वाली बात पर दिया मुंहतोड़ जवाब

CM Mohan Yadav on Kamal Nath : पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बयान के बाद अब सीएम डॉ. मोहन यादव की प्रतिक्रिया भी सामने आई है।

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Modified Date: April 1, 2024 / 08:33 PM IST
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Published Date: April 1, 2024 8:32 pm IST

भोपाल। लोकसभा चुनाव से पहले दलबदल की राजनीति जारी है। आए दिन कमलनाथ को झटके पर झटके लग रहे है। इस बीच, एक बार फिर पूर्व सीएम कमलनाथ को झटका लगा है। छिंदवाड़ा के महापौर सहित सभापति ने भी सोमवार को भाजपा जॉइन कर ली। उन्होंने भोपाल में सीएम हाउस पहुंचकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के समक्ष भाजपा की सदस्यता ली। इसके बाद कमलनाथ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर लिखकर अपनी प्रतिक्रिया दी।

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उन्होंने लिखा कि मैं 45 वर्ष से छिंदवाड़ा को भारत का सबसे विकसित इलाका बनाने की तपस्या कर रहा हूं। छिंदवाड़ा मेरे लिए कर्मभूमि और तपोभूमि है। भाजपा वाले इस पवित्र भूमि को रणभूमि बनाना चाहते हैं। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी धनबल, बाहुबल और सत्ता बल का दुरुपयोग करने में लगी है। नेताओं को डराया धमकाया जा रहा है।

छिंदवाड़ा की जनता भाजपा की इस कारस्तानी को बड़े गौर से देख रही है और उसने ठान लिया है कि जो लोग छिंदवाड़ा के ऊपर आक्रमण कर रहे हैं, उनको करारा जवाब देगी। हर चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी झूठ, फरेब और सौदेबाजी का खेल खेलती है लेकिन जब चुनाव परिणाम आता है तो पता चलता है कि छिंदवाड़ा की जनता ने भाजपा को उसके अपराध का उचित दंड दिया है। छिंदवाड़ा अपने सम्मान से कोई गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं करेगा और अपनी विकास यात्रा पर अविरल आगे बढ़ता रहेगा।

कमलनाथ के बयान पर सीएम डॉ. मोहन यादव का पलटवार

कमलनाथ के बयान के बाद अब सीएम डॉ. मोहन यादव की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। छिंदवाड़ा की पवित्र भूमि को रणभूमि बनाने के कमलनाथ के बयान पर मुख्यमंत्री ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि पवित्र निर्वाचन की कार्यवाही चल रही है। सभी को अपने प्रत्याशी को लेकर, रणनीति के आधार पर जनता के बीच अपनी बात रखना है। निर्वाचन में जनता के बीच जाने के लिए हमारा मूल तंत्र अपनी पार्टी के पदाधिकारी हैं। जब पदाधिकारी का विश्वास हमारे ऊपर से उठने लगे। हम दूसरे को दोष कैसे दे सकते हैं?

हमारे साथ पदाधिकारी, विधायक,महापौर का निर्वाचन होता है, जब ये जा रहे हैं तो हताशा और निराशा की अवस्था आ गई है। बेहतर ये होगा कि लोग अपना आत्मनिरीक्षण करें। जैसे हम भाजपा के लोग आत्म निरीक्षण करते हैं, अपने साथ जितने लोग जुड़ रहे हैं, उनको जोड़ते जा रहे हैं, जो हमारी नीति से सहमत है, वो आते जा रहे हैं, निर्वाचन में चुनाव के समय रोना ,निराशा दिखाना, शोभा नहीं देता।

 

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