चैरिटी के चोर! लीज़ पर मिली जमीनों को कौड़ियों के दाम बेचा, आज बेनकाब होगा हर शख्स, देखें IBC24 की ‘पड़ताल’

Charity thieves exposed in MP church: आखिर चैरिटी की चोरी कैसे मुमकिन है...लेकिन हम आपको बताएंगे कि किस तरह जीजस के बंदों ने बेधड़क चैरिटी की चोरी की है...ये वो चोर हैं जिन्होंने अपने जीजस को भी नहीं बख्शा...उनके चर्च तक को बेच खाया...ये वो सफेदपोश चैरिटी चोर हैं जिन्होंने बच्चों के स्कूलों, होस्टलों, अस्पतालों, चर्च की जमीनों को चंद कौडियों के लिए बेच दिया...

  • Reported By: Naveen Singh

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  • Publish Date - March 27, 2024 / 04:24 PM IST,
    Updated On - March 27, 2024 / 04:43 PM IST

Charity thieves exposed in MP church : भोपाल: चैरिटी के लिए लीज़ पर मिली जमीनों को कौड़ियों के दाम पर बेचने वालों की खबर शायद आपने सुनी नहीं होगी लेकिन आज की पड़ताल में हम चैरिटी के चोरों की काली चादर के एक एक धागे को खोलेंगे…बेनकाब करेंगे हर उस शख्स को जिसने ट्रस्ट की जमीनों को बेदर्दी से नीलाम कर दिया…

शायद आप इस दावे से हैरान हो रहे होंगे, कि आखिर चैरिटी की चोरी कैसे मुमकिन है…लेकिन हम आपको बताएंगे कि किस तरह जीजस के बंदों ने बेधड़क चैरिटी की चोरी की है…ये वो चोर हैं जिन्होंने अपने जीजस को भी नहीं बख्शा…उनके चर्च तक को बेच खाया…ये वो सफेदपोश चैरिटी चोर हैं जिन्होंने बच्चों के स्कूलों, होस्टलों, अस्पतालों, चर्च की जमीनों को चंद कौडियों के लिए बेच दिया…धोखा अपने मिशनरी सोसायटी को नहीं दिया…पीठ पर तो उनके छुरा घोंपा है…जो इन्हें जीजस का बंदा मानते थे…यानी इनके प्रवचन सुनकर इंसानियत का फर्ज अदा करते थे…लेकिन चैरिटी के चोरों की खोटी नीयत इनके सामने एक्सपोज़ हो गयी…पहले आप मिशनरी संस्था इवेंजलिका लूथरन चर्च के उन जिम्मेदारों के बारे में जान लीजिए फिर एक एक कर हम चैरिटी के चोरों की काली चादरों के धागे खोलेंगे…

मिशनरी संस्था की विसिल ब्लओर को सुनकर आपने थोड़ा बहुत अंदाज़ा लगा ही लिया होगा… कि दान में मिली अमानत में खयानत किस तरह की जाती है…चैरिटी के चोरों की पड़ताल आगे बढ़ाएं, उसके पहले आपको ये बताना बहुत जरुरी है कि आखिर इवेंजलिका लूथरन चर्च जैसी संस्था कब बनी क्यों बनी और किसलिए बनी…

इवेंजलिका लूथरन चर्च


क्रिस्चियन कम्यूनिटी के लोगों को आगे बढ़ाने और धर्मार्थ
सोसायटी के जरिए बेहतर इंसान बनाना मक्सद
संस्था की शुरुआत 1942 में हुई
1973 में इवेंजलिका लूथरन चर्च का नाम बदला गया
इवेंजलिका लूथरन चर्च इन एमपी नाम किया गया
1980 के बाद शुरू हुई काली करतूत

जाहिर है क्रिस्चियन कम्यूनिटी के लोगों को आगे बढ़ाने, धर्मार्थ के काम करने के लिए और समाज के अलग अलग वर्गों को भी सोसायटी के जरिए बेहतर इंसान बनाने के मक्सद से इस संस्था की शुरुआत 1942 में हुई…लेकिन 1973 में इवेंजलिका लूथरन चर्च का नाम बदलकर इवेंजलिका लूथरन चर्च इन एमपी कर लिया गया…चैरिटी के चोरों ने साल 1980 के बाद से अपनी काली करतूतों को अंजाम देना शुरु कर दिया…आगे आपको बताएंगे कि इवेंजलिका लूथरन चर्च इन एमपी के करप्ट पदाधिकारियों ने सोसायटी की प्रॉपर्टी पर क्या गुल खिलाए…ईएलसी के ही सदस्य ये दावा करते हैं कि चैरिटी की जमीनों का किसी भी तरह का कमर्शियल इस्तेमाल नहीं कर सकते…क्योंकि चैरिटी के लिए लीज़ पर मिली जमीनें सेवा और धर्मार्थ के कामों के लिए दी जाती हैं…और अगर ऐसा किया जाता है तो वो कानून जुर्म है…क्योंकि मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रिकरण अधिनियम,1973 के मुताबिक,सोसायटी किसी भी प्रॉपर्टी की खरीदी,बिक्री या ट्रांसफर बिना रजिस्ट्रार की मंजूरी के नहीं कर सकती…लेकिन ईएलसी के भ्रष्ट पदाधिकारियों ने मनमाफिक धांधलियां की…

इस मामले में बुजुर्ग शख्स सतीश रघु ने कई चौकाने वाले खुलासे किए जो कि ईएलसी इन एमपी के सदस्य रह चुके हैं…ईएलसी एमपी के इस बुजुर्ग सदस्य को सुनकर आप हैरान हो जाएंगे..कि संस्था के पदाधिकारियों ने ना सिर्फ लीज़ की बेशकीमती जमीनों को कौड़ियों के भाव बेचा…बल्कि सत्ता के रसूख का इस्तेमाल करते हुए अपने लोगों को किस तरह फायदा पहुंचाया…संस्था के भ्रष्ट पदाधिकारियों ने स्कूलों का जमीनों तक को बेच खाया… नीलामी ऐसी हुई कि शहर के धन्ना सेठों,कांग्रेस नेताओं और अफसरों ने बोलियां लगानी शुरु कर दी…सौदा तय हुआ और डील हुई…कि स्कूल के एक बडे से हिस्से में शॉपिंग मॉल बनाया जाएगा…नेता और अफसर इस डील में शामिल तो रहे लेकिन पर्दे के पीछे से…आगे खड़ा किया गया एक ऐसे शख्स को जो व्यापारी है…आनन फानन में काम शुरु हुआ,कागजों में हेरफेर की गयी…और शुरु हो गया शॉपिंग मॉल काम…

इवेंजलिका लूथरन चर्च इन MP इंग्लिश मीडियम स्कूल

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करीब 30 हजार स्क्वायर फीट जमीन प्राइवेट पार्टी को दे दिया
दो पार्टनरों ने मिलकर शॉपिंग मॉल बनाना शुरु कर दिया
तीन मंजिला मॉल की तैयारी शुरु हुई
पहली मंजिल में 30 दुकानें बन चुकी हैं
हर दुकान की कीमत 45 लाख तय हूई
ठेकेदारों ने इन दुकानों का एडवांस तक ले लिया
प्रॉपर्टी की सरकारी कीमत 20 करोड़
मार्केट वैल्यू 40 करोड़ के आस पास

बैतूल के सबसे पॉश इलाके यानी कलेक्ट्रेट के ठीक सामने इवेंजलिका लूथरन चर्च इन एमपी के स्कूल कैंपस में ही डील हुई…तय हुआ कि इवेंजलिका लूथरन चर्च इन एमपी इंग्लिश मीडियम स्कूल की करीब 30 हजार स्क्वायर फीट जमीन को कमर्शियल इस्तेमाल के लिए प्राइवेट पार्टी को दे दिया …दो पार्टनरों ने मिलकर शॉपिंग मॉल बनाना शुरु कर दिया…तीन मंजिला मॉल की तैयारी शुरु हुई…पहली मंजिल में 30 दुकानें बन चुकी हैं…हर दुकान की कीमत 45 लाख तय हूई…ठेकेदारों ने इन दुकानों का एडवांस तक ले लिया…जिस प्रॉपर्टी पर मॉल बनाया जा रहा था उस प्रॉपर्टी की सरकारी कीमत 20 करोड़ है…जबकि मार्केट वैल्यू 40 करोड़ के आस पास है…लेकिन नगर पालिका ने शिकायत के बाद बिल्डिंग परमीशन ही निरस्त कर दी…चैरिटी के चोरों की पड़ताल करते करते हम उस स्कूल तक भी पहुंच गए…हमें उस सिंडिकेट के विरोध का भी सामना करना पड़ा जो लीज़ की जमीन पर मॉल बनाने की तैयारी कर रहा था…खैर हम ना किसी से डरने वाले थे ना ही झुकने वाले थे…ट्रस्ट के स्कूल कैंपस में दान की जमीन पर करोड़ों के निर्माणाधीन मॉल की तस्वीरें देख कर आप हैरान रह जाएंगे।

इवेंजलिका लूथरन चर्च इन MP के बिशप

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इमैनुअल पंचू
बिशप सुरेंद्रा कुमार सुक्का
बृजेश नितिन, सहाय सचिव
अशोक चौकसे, ट्रेजरार
अनिल मार्टिन, उपाध्यक्ष

चैरिटी के चोरों की नीयत में खोट है…इसका अंदाजा हमने बैतूल पहुंचते ही लगा लिया था…स्कूल के अंदर हमारे दाखिल होते ही उनके विरोध ने हमें ये इशारा दे दिया था कि चैरिटी के चोरों ने बड़ी कारगुजारी को अंजाम दिया है…लिहाजा हमने इस फ्रॉड के तह में जाने की ठान ली…हमें ये खबर मिली की चैरिटी के चोरों ने एक सिंडिकेट बना रखा है…जिसमें ईएलसी इन एमपी के बिशप,ट्रेजरार,पास्टर,मैनेजर के अलावा जमीन माफिया,कांग्रेस नेता,अफसर औऱ शहर के धन्ना सेठ शामिल हैं…चैरिटी के चोरों का ये सिंडिकट पहले स्कूल के 30 हजार स्क्वायर फीट पर मॉल बनाता…फिर पीछे चल रहे स्कूल को भी तोड़ कर या दूसरी जगह शिफ्ट कर कमर्शियल इस्तेमाल करता…खैर हमारी पड़ताल की वजह से चैरिटी के चोरों के सिंडिकेट के अरमान फिलहाल ठंडे पड़ गए हैं…अब चलिए आप को ले चलते हैं बैतूल के कोठी बाजार इलाके में…इस सिंडिकेट ने कोठी बाजार में भी लीज़ की जमीन को नीलाम कर दिया है…जबकि इस जगह भी एक स्कूल चल रहा है…

इवेंजलिका लूथरन चर्च इन MP के चर्च


28 हजार स्क्वायर फीट जमीन को प्राइवेट पार्टी को बेचा
MOU साइन हुआ, कीमत 7 करोड़ तय की गई
हिस्से का रेट 10 हजार स्क्वायर फीट चल रहा है
तैयारी 50 लाख रुपए प्रति दुकान को बेचने की थी
28 करोड़ से भी ज्यादा की जमीन को 7 करोड़ रुपए में बेचा

इवेंजलिका लूथरन चर्च इन एमपी ने ना सिर्फ बैतूल बल्कि छिंदवड़ा, सागर, शहडोल, अनूपपुर, सरगुजा, रायपुर के अलावा नागपुर में भी दान में मिली जमीनों को बेच दिया है…प्राइवेट पार्टी को रजिस्ट्री तक करवा दी है… दरअसल इवेंजलिका लूथरन चर्च इन एमपी के बिशप दिवं इमैनुअल पंचू,बिशप सुरेंद्रा कुमार सुक्का, नितिन सहाय सचिव,अशोक चौकसे ट्रेजरार,अनिल मार्टिन उपाध्यक्ष पर संस्था की जमीनों को कौड़ियों के भाव बेचने,कमर्शियल इस्तेमाल में देने और संस्था के बाय लॉज के उल्लंघन के गंभीर आरोप हैं…अब आपको दिखाते हैं कि इवेंजलिका लूथरन चर्च इन एमपी ने अपने हेडक्वॉर्टर छिंदवाड़ा में कितनी बेदर्दी से लीज़ की जमीनों को नीलाम कर दिया…वो भी चर्च के नज़दीक की बेश्कीमती जमीनों पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए बेच दिया…दरअसल छिंदवाड़ा-नागपुर रोड पर इवेंजलिका लूथरन चर्च इन एमपी के चर्च से लगी 28 हजार स्क्वायर फीट जमीन को प्राइवेट पार्टी को बेच दिया गया…एमओयू साइन हुआ…कीमत 7 करोड़ तय की गयी…जबकि आज इस हिस्से का रेट 10 हजार स्क्वायर फीट चल रहा है…तैयारी 50 लाख रुपए प्रति दुकान को बेचने की थी…यानी 28 करोड़ से भी ज्यादा की जमीन को महज़ 7 करोड़ रुपए में बेचा जा रहा था। चैरिटी के चोरों की इस ब्लैक डील की खबर लगते ही तगडा विरोध हुआ…संस्था के सदस्यों ने बिशप और उनकी टीम की शिकायत की…लेकिन ईएलसी एमपी के जिम्मेदारों ने अपने रसूख के जरिए विरोध करने वालों के खिलाफ ही एफआआर दर्ज करवा दी…

चैरिटी के चोरों का खेल !

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सागर के जरुआखेड़ा में ELC के आधिपत्य वाली करोड़ों की जमीन बेची
अनिल मार्टिन और अनिल मैथ्यू को नियम विरुद्ध पॉवर ऑफ अटॉर्नी
सीनोडिकल काउंसिल की बैठक में जिम्मेदारों ने किया तय
जरुआखेड़ा के पुराने चर्च और नए चर्च की जमीनें बेचने का फैसला
ELC के दो जिम्मेदार पदाधिकारियों ने नए पुराने चर्च की जमीन बेची
बाजार भाव से कम में यानी कौड़ियों के भाव बेची गई जमीन

जाहिर है इवेंजलिका लूथरन चर्च इन एमपी के बिशप,ट्रेजरार और सचिव ने ना सिर्फ दान की जमीनों को अपने फायदे के लिए बेच दिया…बल्कि ईएलसी एमपी के सदस्यों के साथ विश्वासघात भी किया…संस्था के भ्रष्ट सदस्यों ने जमीनों को नीलाम करने के अलावा बाय लॉज यानी संस्था के संविधान के साथ भी छेड़छाड़ की है…संस्था के सदस्यों ने सागर के जरुआखेड़ा में ईएलसी के आधिपत्य वाली करोड़ों की जमीन बेच दी…अनिल मार्टिन औऱ अनिल मैथ्यू को नियम विरुद्ध पॉवर ऑफ अटॉर्नी बना दिया गया…सीनोडिकल काउंसिल की बैठक में कुछ जिम्मेदारों ने मिलकर ये तय कर लिया कि जरुआखेड़ा के पुराने चर्च और नए चर्च की जमीनें बेची जाएंगी…लिहाजा ईएलसी के दो जिम्मेदार पदाधिकारियों ने नए पुराने चर्च की जमीन को बाजार भाव से कम में यानी कौड़ियों के भाव बेच दिया…ईएलसी एमपी के लोकल बॉडी के सदस्यों ने बिशप की जमकर खिलाफत भी की…लेकिन बिशप ने अपनी टीम के साथ मिलकर संस्था के वफादारों को ही फर्जी केस में उलझा दिया… इवेंजलिका लूथरन चर्च इन एमपी छिंदवाड़ा के लोकल पंचायत के ट्रेजरार बता रहे हैं कि विदेशों से होने वाली अनाप शनाप फंडिंग का भी गलत इस्तेमाल ईएलसी एमपी के भ्रष्ट सदस्यों ने किया है…

शिकायत के बाद बड़ी कार्रवाई

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अरबों रुपए कीमत की करीब 3 एकड़ के लैंड का कमर्शियल
नजूल अधिकारी ने ईएलसी संस्था पर की बड़ी कार्रवाई
लीज के उल्लंघन पर प्रशासन ने 20 करोड़ की पैनल्टी लगाई
20 करोड़ की पैनल्टी को महज1 करोड़ 16 लाख की पैनल्टी चार्ज

दरअसल चैरिटी के चोरों ने सरकारी नियम कानूनों से बचने के लिए एक नया तरीका इजाद किया है…संस्था के सदस्य जमीनों को सीधे बेचने के वजाए…प्राइवेट पार्टी के साथ एमओयू करते हैं…एमओयू दो पक्षों के बीच होता है…पहला पक्ष खरीदार और दूसरा पक्ष ईएलसी संस्था…डील में दोनों पक्षों के बीच शर्तें तय होती हैं…मुनाफे से लेकर हिस्सेदारी तक…लेकिन ये सिर्फ दिखावा भर होता है असली मुनाफा बाजार की कीमत पर चुपके से संस्था के भ्रष्ट सदस्यों के खातों तक जाता है…फिलहाल अवैध कब्जों पर ताबड़तोड़ बुलडोजर चलाने वाला प्रशासन ईएलसी के मामले में चुप हो जाता है…शायद इसलिए क्योंकि इस सिंडिकेट में प्रशासन भी हिस्सेदार है…खैर प्रशासन तक लीज़ की सरकारी जमीनों को कौड़ियों के भाव बेचने के मामले की शिकायत हो चुकी है… बिशप बंग्ले से लेकर ईएलसी चौराहे तक अरबों रुपए कीमत की करीब 3 एकड़ के लैंड के कमर्शियल इस्तेमाल को लेकर नज़ूल अधिकारी ने बड़ी कार्रवाई ईएलसी संस्था पर की थी…लीज़ के उल्लंघन पर प्रशासन ने 20 करोड़ की पैनल्टी लगायी थी…लेकिन कलेक्टर साहब ने बड़ा दिल दिखाते हुए 20 करोड़ की पैनल्टी को महज़ 1 करोड़ 16 लाख की पैनल्टी चार्ज कर दी…लेकिन अब भी मामले में ना पैनल्टी की रिकवरी हुई है ना गिरफ्तारी और ना ही प्रशासन का बुलडोजर कहीं चला है…

चैरिटी के चोरों ने मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ में बेइंतहा फर्जीवाड़े किए हैं…अस्पताल,स्कूल,चर्च औऱ होस्टल के नाम पर मिली लीज़ की जमीनों को डकार गए हैं…बिना सत्ता की भागीदारी के ये मुमकिन भी नहीं था…शायद इसलिए भी आपकी सरकार खामोश है…लेकिन चैरिटी के चोरों के खिलाफ हम अपनी आवाज़ बुलंद रखेंगे क्योंकि सवाल आपका है…

नवीन सिंह, भोपाल की खास रिपोर्ट

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