Atal Progress-Way: भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट अटल प्रोग्रेस-वे का अलाइनमेंट बदल रहा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की आपत्ति के बाद नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया इसमें बदलाव कर रहा है। नए अलाइनमेंट का जो ब्लू प्रिंट तैयार हुआ है, उसके मुताबिक अब यह प्रोग्रेस-वे श्योपुर, मुरैना, भिंड के 162 गांवों से नहीं, बल्कि 204 गांवों से गुजरेगा।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
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Atal Progress-Way: पहले इसका रास्ता चंबल नदी के किनारे होकर जाना था, लेकिन रास्ते में चंबल की घड़ियाल सेंचुरी और करीब 403 हेक्टेयर का घना जंगल आ रहा था, इसलिए अब प्रोग्रेस-वे को चंबल नदी से तीन किमी दूर खिसका दिया गया है। इस बदलाव से प्रोजेक्ट की लागत 500 करोड़ रु. बढ़कर 7500 करोड़ रु. पहुंच जाएगी। किसानों को जमीन अधिग्रहण का जो मुआवजा पहले 350 करोड़ रु. दिया जाना था, वो बढ़कर 700 करोड़ हो जाएगा।अब प्रोजेक्ट के लिए निजी जमीन अधिग्रहित करनी पड़ेगी। पुराने अलाइनमेंट में सरकारी जमीन ज्यादा थी। हालांकि इस बदलाव से प्रोग्रेस वे की कुल लंबाई 312 किमी से घटकर 307 किमी रह जाएगी।
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Atal Progress-Way: अब 32 किमी बीहड़ तो 7 किमी ही इको सेंसेटिव जोन से गुजरेगा रास्ता प्रोजेक्ट की लागत 500 करोड़ रु. बढ़ जाएगी, रास्ता भी 5 किमी छोटा होगा पहले जानवरों के लिए प्रोग्रेस-वे पर 402 करोड़ के कॉरिडोर बनने थे, अब 85 करोड़ के बनेंगे पुरानी प्लानिंग में 403 हेक्टेयर जंगल का हिस्सा एक्सप्रेस-वे के कारण खत्म हो रहा था। नई प्लानिंग के बाद केवल 12 हेक्टेयर जंगल ही प्रोजेक्ट की जद में आएगा। ये नियम है कि एक पेड़ काटने पर दस पेड़ लगाना पड़ेंगे। पुरानी प्लानिंग में चंबल नदी के किनारे लाखों पेड़ काटकर 240 करोड़ रु. की लागत के पेड़ लगाने थे। नई प्लानिंग के बाद 22 करोड़ के पेड़ लगेंगे।
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