BJP's delegation met the EC: चुनाव आयोग से मिला भाजपा का प्रतिनिधि मंडल

चुनाव आयोग से मिला भाजपा का प्रतिनिधि मंडल, मतदाताओं को उनका अधिकार दिलाने की कही बात

BJP's delegation met the EC: चुनाव आयोग से मिला भाजपा का प्रतिनिधि मंडल, मतदाताओं को उनका अधिकार दिलाने की कही बात

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:23 PM IST, Published Date : July 7, 2022/5:24 pm IST

BJP’s delegation met the EC: भोपाल। मध्यप्रदेश में निकाय चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान संपन्न हुआ। 133 निकायों में वोटिंग के दौरान कई जगहों पर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का भी मामला सामने आया। कई पोलिंग बूथों पर वोटर लिस्ट में नाम नहीं होने से मतदाता वोट नहीं कर सके। ये सभी मतदाता ऐसे थे, जो वर्षों से मतदान करते आए हैं, लेकिन इस बार उनका नाम मतदाता सूची से गायब था। इसलिए वो बिना वोट डाले लौट गए। वहीं इसको लेकर बीजेपी डेलिगेशन ने राज्य निर्वाचन आयोग से शिकायत की है।

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बीएलओ के खिलाफ कार्यवाही की मांग

BJP’s delegation met the EC: प्रतिनिधि मंडल ने आयुक्त को सौंपे ज्ञापन में कहा है कि नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण के चुनाव में आयोग ने मतदाताओं को जागरूक नहीं किया जिसके कारण मतदान में कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। मतदान की पर्चियां मतदाताओं को वितरित नहीं हुई जिसके कारण मतदान प्रतिशत कम हुआ है। मतदाता सूचि में जिन मतदाताओं के नाम थे उनमें से अधिकांश मतदाताओं को मतदान पर्चियां ही नहीं मिली, जिसके कारण हजारों की संख्या में मतदाता मतदान नहीं कर पाए। जिन मतदाताओं ने विगत विधानसभा चुनाव में जिन मतदान केन्द्रों पर वोट डाला था इस बार उनके मतदान केन्द्र बिना सूचना के बांटने करने के कारण मतदान करने के लिए भटकना पड़ा। जिन बीएलओं ने लापरवाही की है उनके विरूद्व कठोर कार्यवाही की मांग की है।

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पहले चरण की गड़बड़ियों से कराया अवगत

BJP’s delegation met the EC: प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि दूसरे चरण में जिन जिलों के नगरीय निकायों में मतदान प्रस्तावित है वहां के जिला कलेक्टरों को निर्देश देकर मतदान की पर्चियां युद्व स्तर पर मतदाताओं को वितरित कराकर मतदान प्रतिशत बढ़ाने की मांग की। पहले चरण के चुनाव के दौरान केन्द्रीय कर्मचारी भी मतदान करने से वंचित रह गए इसकी जानकारी देने की मांग की। बी.एल.ओं ने घर-घर जाकर मतदाता सूचियों का सर्वे नहीं किया है जिसके कारण कई मतदाताओं के नाम मतदाता सूचियों में छूट गये और मतदान के अधिकार से वंचित रहे गये। उनके विरूद्व आवश्यक कार्यवाही की मांग की है।

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