bhojshala vivad: भोपाल। आज फेस टी फेस का मुद्दा है… भोजशाला मांगे इंसाफ….सर्वे से तस्वीर होगी साफ! जी हां… धार भोजशाला मामले में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को कोर्ट से मिले निर्देशों के बाद एक्सपर्ट्स की टीम ने भोजशाला का सर्वे किया। इस जगह को हिन्दू पक्ष मंदिर बताता है तो वहीं मुस्लिम पक्ष इसे मजिस्द बताता है। भोजशाला में शुरू हुए सर्वे के साथ ही प्रदेश में राजनीति भी शुरू हो गई है। आखिर इस मामले में राजनीति क्यों हो रही है और कांग्रेस इसके टाइमिंग पर सवाल क्यों उठा रही है। पूछेंगे खास मेहमानों से… पहले देखिए रिपोर्ट…
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शुक्रवार का दिन मध्य प्रदेश के लिए बेहद खास रहा। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच के आदेश पर धार स्थित भोजशाला का वैज्ञानिक सर्वे कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू किया गया। दिल्ली और भोपाल से आई अफसरों की टीम ने शुक्रवार सुबह लगभग 6:30 बजे भोजशाला परिसर पहुंची और भोजशाला में अपना सर्वे शुरू किया। वैज्ञानिक सर्वे के लिए पहुंची टीम की सहायता के लिए मजदूरों को भी लाया गया था जिन्हें मेटल डिटेक्टर से जांच के बाद प्रवेश दिया गया। सर्वे के दौरान मोबाइल फोन भी प्रतिबंधित किए गए।
भोजशाला में ASI सर्वे का पहला दिन पूरा हो गया। भारतीय पुरातत्व विभाग के अधिकारी 12 बजे भोजशाला से बाहर निकले, इस दौरान ASI की टीम के साथ मौजूद हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ता भी बाहर आए। याचिकाकर्ता गोपाल शर्मा ने आईबीसी24 से बातचीत में बताया कि ASI ने पहले दिन भोजशाला के अंदर जो सर्वे किया है उसमें प्रारंभिक तैयारियां की गई है जिसमें की शिलालेख, अंदर रखी मूर्ति और अन्य ऐसी जगह की टैपिंग की गई है, जहां से की कुछ जानकारी मिल सकती है, हिंदू पक्ष के द्वारा भी ASI को कई तथ्य भोजशाला के अंदर बताए गए हैं।
एक ओर ASI की टीम भोजशाला परिसर का सर्वे कर रही थी। तो वहीं दूसरी ओर मुस्लिम समाज के लोग शुक्रवार के दिन जुमा की नमाज अदा करने लगातार पहुंच रहे थे। नमाज के दौरान सर्वे को रोकने की बात उठी लेकिन नमाज के समय से पहले ही सर्वे पूरा कर लिया गया। सर्वे में हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों को शामिल होना था। लेकिन मुस्लिम पक्ष से कोई इस सर्वे में शामिल नहीं हुआ। मुस्लिम पक्ष का कहना है की उन्हें सर्वे की जानकारी दी ही नहीं गई।
भोजशाला में सर्वे के साथ ही प्रदेश में इसपर सियासत भी शुरू हो गई। मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष ने कहा कि भोजशाला का सर्वे चुनाव के बाद भी किया जा सकता था। वहीं इस बयान पर बीजेपी प्रवक्ता ने पलटवार किया और कहा कि ये कांग्रेस की फितरत है। पहले ज्ञानवापी सर्वे पर सवाल उठाया था। अब भोजशाला पर उठा रहे हैं।
bhojshala vivad: धार भोजशाला मामले में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को कोर्ट से मिले निर्देशों के बाद एक्सपर्ट्स की टीम भोजशाला पहुंची, 5 एक्सपर्ट्स के साथ यह टीम बनाई गई जिसमें कि भोजशाला का सर्वे शूरू किया गया, इसके लिए GPR और GPS तकनीक का इस्तेमाल भी किया जा रहा है, इस जगह को हिन्दू पक्ष मंदिर बताता है तो वही मुस्लिम पक्ष के द्वारा इसे मजिस्द बताया जाता है, भोजशाला में शुरू हुए सर्वे के साथ ही प्रदेश में राजनीति भी शुरू हो गई है।