Bagless Day in One Saturday for Middle School Order Issued

Bagless Day in School: शनिवार को मिडिल स्कूल के बच्चों को स्कूल में नहीं लाना होगा बैग, पूरे दिन ड्राइंग, पेंटिंग सहित होंगे ये काम, एक दिन बैगलेस-डे का निर्देश जारी

Bagless Day in One Saturday ! शनिवार को मिडिल स्कूल के बच्चों को स्कूल में नहीं लाना होगा बैग, पूरे दिन ड्राइंग, पेंटिंग सहित होंगे ये काम, एक दिन बैगलेस-डे का निर्देश जारी

Edited By :   Modified Date:  November 11, 2024 / 08:50 AM IST, Published Date : November 11, 2024/8:50 am IST

भोपाल: Bagless Day in One Saturday  प्रदेश में कक्षा-6 से 8 तक पढ़ने वाले बच्चों का समग्र विकास हो, इसके लिये बैगलेस-डे के दिन बच्चों को विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करने का निर्णय स्कूल शिक्षा विभाग ने लिया है। इस दिन बच्चों के बीच पढ़ाई के अलावा विभिन्न सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं व्यावहारिक गतिविधियां की जायेंगी। इस संबंध में राज्य शिक्षा केन्द्र ने जिला शिक्षाधिकारियों और जिला परियोजना समन्वयक को निर्देश जारी किये हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में यह प्रावधान रखा गया है कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे 21वीं सदी के कौशल से परिचित हो सकें, इसके लिये कक्षा-6 से 8 तक के स्कूल के बच्चों के लिये प्रत्येक माह में न्यूनतम एक शनिवार को बस्ते-विहीन दिवस का आयोजन हो। इन दिवसों में विद्यार्थियों को व्यावहारिक कौशल की जानकारी दी जाये।

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Bagless Day in One Saturday  बैगलेस-डे के लिये शाला के प्राचार्य एवं शिक्षकों को चर्चा कर गतिविधियों का कैलेण्डर तैयार करने के लिये भी कहा गया है। गतिविधियों की जानकारी “एचडी जिओ टैगी फोटोग्रॉफ’’ राज्य शिक्षा केन्द्र के ई-मेल आईडी rsk.curriculum@gmail.com पर भेजने के लिये कहा गया है। बैगलेस-डे का उद्देश्य विद्यार्थियों को सफल, नवाचारी और जिम्मेदार नागरिक के रूप में तैयार करना है। इसी के साथ विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, साक्ष्य आधारित सोच और रचनात्मकता का विकास करना है। विद्यार्थियों में संवाद, विचार अभिव्यक्ति, स्वास्थ्य एवं पोषण, खेल सहयोग की भावना एवं नेतृत्व गुण के साथ भारतीय ज्ञान परम्परा और पर्यावरणीय चेतना का विकास करना प्रमुख है।

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बैगलेस-डे में होने वाली गतिविधियाँ

राज्य शिक्षा केन्द्र ने बैगलेस-डे में होने वाली गतिविधियों के संबंध में भी दिशा-निर्देश जारी किये हैं। ऑर्ट और क्रॉफ्ट में बच्चों के बीच में ड्राइंग, पेंटिंग, मिट्टी के खिलौनों का निर्माण, मुखौटे, डॉल-मेकिंग और अनुपयोगी सामग्री से वस्तुओं का निर्माण प्रमुख है। साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में बच्चों के बीच लोकगीत-नृत्य, लघु नाटिका, कविता पाठ, कहानी लेखन गतिविधियाँ की जायें। बच्चों को खेती की आधुनिक पद्धतियों की जानकारी हो सके, इसके लिये पॉलीफॉर्मिंग, ऑर्गेनिक फॉर्मिंग, औषधीय पौधों की जानकारियाँ और खेती में उपयोग होने वाले आधुनिक उपकरणों की जानकारी दी जाये। साथ ही स्थल भ्रमण भी कराया जाये। बच्चों को ऐतिहासिक स्थलों, लघु उद्योग व्यवसाय, जिनमें मधुमक्खी-पालन, मुर्गी एवं मछली-पालन इत्यादि की जानकारी दी जाये। बच्चों को स्थानीय बैंक, पुलिस थाना, अस्पताल और अनाज मण्डी का भ्रमण कराया जाये। बच्चों को हथकरघा, खिलौने निर्माण जैसी इकाइयों का भ्रमण कराया जाये। इसी के साथ बच्चों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण की जानकारी देने के साथ खेल गतिविधियाँ भी करायी जायें।

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