Amarwara By Polls 2024: भोपाल। एमपी में 10 जुलाई को अमरवाड़ा सीट पर उपचुनाव होने हैं। ये तो हुई एक सीट, लेकिन आगे बुधनी भी है क्योंकि शिवराज सिंह चौहान बुधनी से इस्तीफा दे चुके हैं और न सिर्फ अमरवाड़ा और बुधनी, बल्कि कांग्रेस की कोशिश है कि बीना और विजयपुर में भी जल्द से जल्द उपचुनाव हो। तो सवाल ये है कि इन सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस की रणनीति आखिर क्या है ? और क्या बीजेपी, फिर से चौका लगाने की तैयारी में है ?…या फिर एमपी में कांग्रेस को इस बार जीत का ऑक्सीन मिलेगा ? क्योंकि एमपी में कांग्रेस के पास खोने के लिए तो कुछ है नहीं और पाने को पूरा मध्यप्रदेश है।
विधानसभा और लोकसभा चुनाव में धुआंधार जीत के बाद एमपी में बीजेपी के हौसले बुलंद है। विधानसभा में प्रचंड जीत और एमपी में क्लीन स्वीप करने के बाद बीजेपी आने वाले हर उपचुनाव के लिए उतनी ही गंभीर है, जितना किसी बड़े और अहम चुनाव के लिए वो होती है। लोकसभा में करारी हार के बाद जीतू पटवारी के पास खुद को साबित करने का ये आखिरी मौका है जिसे वो किसी भी सूरत में गंवाने नहीं चाहेंगे। बात करें अमरवाड़ा की तो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए कमलेश शाह इस बार उपचुनाव में कमल फूल के सिंबल पर सियासी मैदान में है तो इधर कांग्रेस ने भी धीरेंद्र शाह पर भरोसा जताया है।
अमरवाड़ा में इस बार लड़ाई त्रिकोणीय है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के देवरावेन भलावी को भारत आदिवासी पार्टी, जयस, भीम आर्मी, बहुजन मुक्ति मोर्चा का समर्थन मिल चुका है और AIMIM से भी समर्थन की मांग की गई है। इधर शिवराज सिंह चौहान के विधायक पद से इस्तीफे के बाद बुधनी की सीट खाली है। हालांकि, अब तक बुधनी सीट के लिए उपचुनाव का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन इस सीट के लिए कांग्रेस ने प्रभारी नियुक्त कर ये मैसेज दे दिया है कि वो बुधनी में बीजेपी को वॉक ओवर नहीं देना चाहती।
इधर बीना सीट से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे और विजयपुर सीट से रामनिवास रावत बीजेपी में शामिल हो चुकी हैं, लेकिन विधायक पद से इस्तीफा नहीं दे रहे हैं। कांग्रेस की कोशिश है कि मानसून सत्र में स्पीकर से इसकी शिकायत कर दोनों नेताओं निर्मला सप्रे और रामनिवास रावत पर इस्तीफे का दबाव बनाया जाए ताकि इस सीट पर उपचुनाव के जरिए फिर से कांग्रेस वापसी कर सके, लेकिन बीजेपी का दावा है कि चाहे वो अमरवाड़ा हो या फिर बुधनी या फिर कोई और सीट बीजेपी बड़े अंतर से यहां चुनाव जीतेगी।
कुल मिलाकर एमपी में बीजेपी अपने झंडे का विस्तार कर रही है, उसकी नजर अब अमरवाड़ा के साथ-साथ उन सीटों पर भी है, जहां उपचुनाव आज नहीं तो कल होने ही हैं। जाहिर है माइक्रो लेवल पर रणनीति बनाने वाली बीजेपी के पास जरूर इन सीटों के लिए खास रणनीति होगी, तो कांग्रेस को अपना कुनबा एकजुट कर लड़ने की जरूरत है। क्योंकि, इन उपचुनाव में अगर कांग्रेस हारती है तो हो सकता है कि जीतू पटवारी के नेतृत्व में कांग्रेस का ये आखिरी चुनाव हो।
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