भोपाल, 25 जनवरी (भाषा) भोपाल में जिला प्रशासन ने ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक धार्मिक स्थलों सहित अन्य स्थानों पर तेज आवाज वाले ‘साउंड सिस्टम’ के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
इस आदेश को 10वीं और 12वीं कक्षाओं की आगामी बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों के लिए राहत के तौर पर देखा जा रहा है।
इसके अलावा, ‘डीजे’ प्रणालियों, होटल, रेस्तरां और बार के मालिकों को निर्धारित सीमा के भीतर ‘साउंड सिस्टम’ के उपयोग के लिए लाइसेंस के वास्ते आवेदन करना होगा।
उल्लंघनकर्ताओं पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।
यह प्रतिबंध 23 जनवरी से लागू हो गया है।
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) ने कहा कि यह आदेश उच्चतम न्यायालय और राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा लाउडस्पीकर और ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के संबंध में जारी निर्देशों का अनुपालन करता है।
आदेश में कहा गया है कि भोपाल जिले में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर और डीजे के इस्तेमाल पर प्रतिबंध रहेगा।
डीजे, होटल, रेस्तरां और बार के मालिकों को अब निर्धारित (डेसिबल) सीमा के भीतर ‘साउंड सिस्टम’ का उपयोग करने के लिए लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है।
आदेश में कहा गया है कि डीजे (आमतौर पर वाहन पर लगाये जाने वाले साउंड सिस्टम) में केवल एक ध्वनि विस्तारक प्रणाली लगाने की अनुमति होगी।
इसमें कहा गया है कि वायु गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार, सुबह 6 बजे से रात 10 बजे के बीच दो घंटे के लिए ‘साउंड सिस्टम’ के उपयोग की अनुमति दी जाएगी।
भाषा सुभाष रंजन
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)