भोपालः सात सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा फिलहाल मध्य प्रदेश से गुजर रही है। लेकिन यहां तक आते-आते कांग्रेस की राजनीतिक यात्रा राहुल की धार्मिक यात्रा बनने लगी है। राहुल शिव की शरण में हैं और माना जा रहा है कि भाजपा के हिंदुत्व के एजेंडे को हाईजैक कर कांग्रेस कमबैक का प्लान बना रही है।
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कन्याकुमारी से शुरू हुई कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों मध्य प्रदेश से गुजर रही है। यात्रा के तीसरे दिन राहुल गांधी ने बहन प्रियंका के साथ मां नर्मदा और ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन किए। (पूजा/तिलक लगाए राहुल की तस्वीर/वीडियो लगाएं) जब-जब राहुल की ऐसी तस्वीरें सामने आती हैं, तब-तब ये बहस छिड़ जाती है कि कांग्रेस सेक्युलरिज्म की इमेज तोड़कर हिंदुवादी छवि गढ़ना चाहती है। माना जा रहा है कि कांग्रेस अगले चुनाव में भाजपा को उसी का एजेंडा हाईजैक कर सत्ता में वापसी करने की योजना बना रही है। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ये पहली बार है, जब राहुल गांधी ने किसी ज्योतिर्लिंग के दर्शन किए हों।
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हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है, जब राहुल गांधी और कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर आगे बढ़ी हो। इससे पहले भी चुनावों के दौरान राहुल मंदिरों में मत्था टेकते नजर आए हैं। कांग्रेस का एक तबका ये मानता है कि अल्पसंख्यक वर्ग के प्रति ज्यादा झुकाव ने पार्टी को बहुसंख्यक वर्ग से दूर कर दिया है। ऐसे में सॉफ्ट हिंदुत्व की राह कांग्रेस को आसान लग रही है। हालांकि राहुल के इस सॉफ्ट हिंदुत्व अवतार को बीजेपी चुनावी हिंदू करार दे रही है।
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चुनावों में हिंदुत्व का एजेंडा भाजपा के लिए अचूक हथियार साबित होता रहा है। कांग्रेस की नजर भी इसी हिंदू वोट बैंक पर है। यही वजह है कि कांग्रेस हर चुनाव से पहले खुद ही हिंदुत्व के मुद्दे को धार देने लग जाती है लेकिन बाजी बीजेपी मार ले जाती है। अब इस बार राहुल का ये अवतार जनता को कितना लुभा पाएगा, ये देखने वाली बात होगी।