MP’s Lady Singham came into limelight: बैतूल। जिले के दक्षिण वन मंडल में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही लेडी सिंघम के चर्चे अचानक सुर्खियों में तब आ गए जब वन मंडल में बड़े पैमाने पर हुई सागौन कटाई की लकड़ियां इस लेडी सिंघम ने राजस्थान से जब्त कर आरोपियों को भी खींचकर बैतूल ले आई। लाखों रुपये की सागौन की जब्ती की कहानी भी दिलचस्प है। राजस्थान के भीलवाड़ा का हरिपुरा गांव में अलसुबह धड़ल्ले से आरा मशीन पर लकड़ी चीरने का काम चल रहा था। तभी 13 वनकर्मियों की टीम ने सुबह 6 बजे दबिश दी। आरा मशीन पर काम कर रहे कुछ कर्मचारियों को भनक लगते ही भागने की कोशिश करने लगे, लेकिन उन्हें दबोच लिया गया।
पूछताछ के बीच मशीन का मालिक सामने आया और टीम को ऊंची पहुंच की धौंस देने की कोशिश करने लगा, लेकिन पूरी तैयारी से साथ पहुंची टीम के तेवर देख वहीं बैठ जाता है। इसके बाद पूरे दिन टीम लकड़ी जब्त करने में जुटी रहती है। पहली नजर में यह सीन किसी फिल्म का लगता है, लेकिन मामला थोड़ा अलग है। दरअसल, यह पूरी कार्रवाई बैतूल वन विभाग के अमले ने की है। यह टीम जिले के जंगलों से अवैध रूप से काटी गई लकड़ी की तलाश करती हुए 700 किलोमीटर दूर राजस्थान पहुंची और काटी गई लकड़ी को जब्त कर बैतूल ले आई। टीम का नेतृत्व कर रही प्रशिक्षु महिला आईएफएस अफसर पूजा नागले ने बताया कि उन्हें कैसे जिले में हो रहे अवैध कटाई के नेटवर्क का पता चला। इसके बाद किन हालातों में कार्रवाई की और बेशकीमती लकड़ी जब्त कर बैतूल लाया गया।
दरअसल करीब एक महीने पहले महूपानी के जंगलों से सागौन के बेशकीमती 22 पेड़ों की अवैध कटाई कर ली गई थी। वन अमला इस मामले की जांच में जुटा था। दक्षिण वनमंडल के प्रभारी डीएफओ वरुण यादव खुद इस मामले की पड़ताल कर रहे थे। उनकी टीम में ट्रेनी आईएफएस पूजा नागले के अलावा वन अमले के 12 कर्मचारी शामिल थे। शुरुआती पड़ताल में यह बात सामने आई कि 22 पेड़ों की कटाई में कोई भूरा नाम का व्यक्ति शामिल है।इसी के चलते टीम ने हरदा , खंडवा सहित कुछ आरोपियों को दबोचा और पूरे मामले का पर्दाफाश कर दिया। IBC24 से नंद किशोर पवार की रिपोर्ट
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