जबलपुर: मध्यप्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश को गौसंवर्धन का मॉडल स्टेट बनाने की कवायद तेज हो गई है, मध्यप्रदेश गौसंवर्धन बोर्ड इसकी प्लानिंग कर रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इसमें दिलचस्पी दिखाते हुए समाज और सरकार के सहयोग से गौसंरक्षण और संवर्धन सुनिश्चित करने का दावा किया है।
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मध्यप्रदेश में मिशन 2023 से पहले गाय फिर चर्चा में है। मध्यप्रदेश गौ संवर्धन बोर्ड ने MP को गौसंवर्धन का मॉडल स्टेट बनाने की तैयारी तेज कर दी है। इसके लिए कई योजनाओं पर काम हो रहा है। जबलपुर में प्रदेश का चौथा गौ-अभयारण्य बनाने की योजना है। अभी आगर-मालवा, दमोह और रीवा में गौ-अभयारण्य संचालित हो रहे हैं। गायों को आधार कार्ड की तरह यूनिक आई देने पर भी काम हो रहा है। उरुग्वे की तर्ज पर गायों की इलेक्ट्रॉनिक टैगिंग करवाने और उनका बायोमेट्रिक डेटा जुटाने का प्लान बनाया गया है। ताकि गायों के स्वास्थ्य और उनके मूवमेंट पर नजर रखी जा सके। गौ-संवर्धन बोर्ड जनसहयोग से राशि जुटाकर गायों का बीमा भी करवाने की योजना पर काम कर रहा है। ताकि गौवंश के निधन पर पशुपालकों को बीमा क्लेम दिलवाया जा सके।
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मध्यप्रदेश गौ-संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बोर्ड की इन तमाम योजनाओं पर दिलचस्पी दिखाई है। उन्होंने इसके लिए समाज से भी सहयोग मांगा है। सीएम शिवराज सिंह ने दावा किया है कि समाज के सहयोग से सरकार गौसंरक्षण और संवर्धन दोनों सुनिश्चित करेगी। गौ संवर्धन बोर्ड ने प्रदेश की सवा 7 करोड़ जनता से रोजाना गोग्रास निकालने की सनातनी परंपरा निभाने की अपील की है। इसमें जनता से रोज 10 रुपयों का आर्थिक सहयोग मांगा गया है, ताकि साल भर में अरबों रुपयों जुटाकर गौसंरक्षण और संवर्धन की योजनाओं में तेजी लाई जा सके।
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