जबलपुर, चार नवंबर (भाषा) मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने अदालती कार्यवाही का सीधा प्रसारण वीडियो को सोशल मीडिया मंचों पर अवैध रूप से साझा करने, संपादित करने, उपयोग करने और बदलाव करने पर सोमवार को रोक लगा दी।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने सोशल मीडिया मंच से ऐसे वीडियो हटाने के अनुरोध वाली एक याचिका पर केंद्र और राज्य सरकारों और उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को भी नोटिस जारी किया।
दमोह के एक व्यवसायी डॉ. विजय बजाज ने अदालती कार्यवाही के सीधा प्रसारण वीडियो सोशल मीडिया मंचों पर अवैध रूप से साझा करने, संपादित करने और उसे प्रसारित करने के खिलाफ एक याचिका दायर की थी। बजाज की पैरवी करने वाले वकील उत्कर्ष अग्रवाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि यह मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की कार्यवाही के सीधा प्रसारण से संबंधी नियमों का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा, ‘‘याचिका में अदालत से यह भी अनुरोध किया गया है कि अदालती कार्यवाही के सीधा प्रसारण वीडियो को सोशल मीडिया मंचों पर अवैध रूप से साझा करके इन वीडियो पर मिली व्यूवरशिप (देखने वाले लोगों की संख्या) के जरिये धन अर्जित करने वालों से उक्त धन की वसूली के लिए भी निर्देश जारी किया जाए। कॉपीराइट का उल्लंघन करके अवैध रूप से अपलोड किए गए कुछ वीडियो विशेष रूप से प्रस्तुत किए गए।’’
मुख्य न्यायाधीश एस. के. कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई की।
अग्रवाल ने बताया कि याचिका की सुनवाई के दौरान यूट्यूब और एक्स को नोटिस जारी किया गया है।
भाषा प्रीति अमित
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