अलीराजपुर। जिले के जोबट में गैरकानूनी ढंग से चल रहे एक वृद्धाश्रम सह अनाथालय पर बाल आयोग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग की शिकायत के बाद एफआईआर दर्ज की गई है। बाल आयोग की टीम सोमवार को जोबट के नर्मदा नगर स्थित इस अनाथालय में जाँच के लिए पहुंची थी, टीम को औचक निरीक्षण में कई चौकाने वाली बातें सामने आई।
बाल आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने बताया कि निरिक्षण के दौरान संस्था के पास अनाथालय संचालित करने के लिए वैध पंजीयन नहीं पाया गया। साथ ही वहां कई आपत्तिजनक वस्तुएं भी पाई गई, जिसमे कंडोम के पैकेट सहित अन्य सर्जिकल उपकरण थे। यह अनाथालय आदिवासी सहायता समिति के नाम से मिशनरी द्वारा पिछले करीब 37 वर्षो से संचालित किया जा रहा था। मामले में संस्था को विदेशी फंडिंग होने की भी बात सामने आई है। सोमवार देर शाम पुलिस ने महिला एवं बाल विकास के परियोजना अधिकारी की शिकायत के बाद संस्था की अध्यक्ष कल्पना डेनियल पर जुविनाइल जस्टिस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच में लिया है।
मीडिया से चर्चा के दौरान बाल आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने बताया कि इस अनाथालय में कुल 71 बच्चे है, जिनमें से 59 बच्चे नाबालिग है। जिनमें भी 35 बच्चियां शामिल है। फ़िलहाल कुछ बच्चों को आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में शिफ्ट किया गया है। वहीं, संस्था पर कुछ बच्चो को रात में कही और भेजे जाने के आरोप भी सामने आये है। हालांकि पुलिस जांच में ही सारे तथ्य सामने आने की उम्मीद है। बाल आयोग के सदस्यों द्वारा पूछताछ करने पर संस्था अध्यक्ष बच्चो को अनाथालय लाये जाने सम्बंधी स्रोत का भी संतुष्टुपूर्ण जवाब नहीं दे सकी।
अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि कहीं यह मामला बाल तस्करी से जुड़ा नहीं है। वहीं, आयोग के सदस्यों को बच्चो के पास से ईसाई धर्म ग्रंथ बाइबिल भी मिली है। जिससे आशंका है कि इन बच्चों को जबरन ईसाई धर्म अपनाने के लिए बाध्य किया जा रहा था। हालांकि अभी इस मामले में पुलिस अधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से बच रही है। IBC24 से वैभव शर्मा की रिपोर्ट
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