भारत के 66 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त हुए,स्वच्छ भारत अभियान का असर दिख रहा हैः मुरुगन |

भारत के 66 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त हुए,स्वच्छ भारत अभियान का असर दिख रहा हैः मुरुगन

भारत के 66 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त हुए,स्वच्छ भारत अभियान का असर दिख रहा हैः मुरुगन

:   Modified Date:  October 27, 2024 / 12:35 AM IST, Published Date : October 27, 2024/12:35 am IST

भोपाल, 26 अक्टूबर (भाषा) केन्द्रीय मंत्री एल मुरुगन ने शनिवार को कहा कि भारत के 66 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) हो गए हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान का सकारात्मक असर देश के गांव-गांव से शहरों तक देखने को मिल रहा है।

मुरुगन ने कहा कि 2014 में पूरे देश में शुरू किए गए स्वच्छता अभियान ने जबरदस्त प्रभाव डाला है और ‘आज लोग कागज का एक टुकड़ा भी इधर-उधर फेंकने से कतराते हैं’।

मुरुगन ने पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) की भोपाल शाखा द्वारा नगर निगम के सहयोग से ‘एक दशक स्वच्छता के, स्वच्छ भोपाल के लिए विशेष पहल’ विषय पर शनिवार को यहां आयोजित एक दिवसीय मीडिया कार्यशाला ‘वार्तालाप’ को संबोधित करते हुए यह बात कही।

उन्होंने कहा, ‘भारत में करीब 66 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं। 2014 से पहले, शौचालय बहुत कम थे। पचास प्रतिशत लोगों के पास शौचालय नहीं थे। स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत के बाद से 10 वर्षों में 11.5 करोड़ से अधिक शौचालयों के निर्माण के साथ भारत ने एक लंबा सफर तय किया है।’

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि पिछले 40 वर्षों से सरकारी कार्यालयों में पड़ी फाइलों का निपटारा किया गया। मुरुगन ने कहा कि आज स्वच्छता अभियान के कारण पूरे देश में एक सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है, लोगों की जीवनशैली में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है।

उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों भी में 40 साल से पड़ी अनुपयोगी फाइलों को हटा दिया गया तथा 15 साल पुरानी गाड़ियों को भी ‘स्क्रैप’ के रूप में इस्तेमाल कर स्वच्छता को बढ़ावा दिया गया।

मुरुगन ने कहा कि भोपाल में स्वच्छता के क्षेत्र में किए गए कार्य लोगों को प्रेरित करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि भोपाल नगर निगम ने अपने अथक प्रयास से भानपुर खंती को एक गोल्फ कोर्स जैसे सुंदर मैदान में तब्दील कर दिया।

मंत्री ने कहा कि भोपाल नगर निगम ने शहर में प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले 850 टन कचरे के प्रबंधन के लिए अभिनव रणनीति अपनाई है, जिसमें ईंधन स्रोत के रूप में खतरनाक कचरे का उपयोग करना भी शामिल है।

उन्होंने कहा कि यह वैज्ञानिक अपशिष्ट निपटान, ‘वेस्ट से वेल्थ’ परियोजना और निर्माण अपशिष्ट के पुनर्चक्रण जैसे प्रयास अन्य शहरों के लिए एक ‘रोल मॉडल’ है।

उन्होंने पत्रकारों से स्वच्छता अभियान के तहत किए जा रहे महत्वपूर्ण प्रयासों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अपील की और इस मिशन को और अधिक सफल बनाने के लिए सकारात्मक भूमिका अदा करने की भी गुजारिश की।

कार्यशाला के दौरान स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली संस्थाओं की महिलाओं और प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया।

भाषा दिमो शोभना

शोभना

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)