रामपुर: देश के 21 राज्यों के 102 लोकसभा सीटों पर पहले चरण का मतदान कल होगा। वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 8 सीटों सभी की नज़र होगी। उत्तर प्रदेश की सहारनपुर, कैराना, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, नगीना,मुरादाबाद,रामपुर,पीलीभीत लोकसभा पर मतदान होना है। रामपुर सीट मुख्य दलों के साथ छह प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। भाजपा के प्रत्याशी घनश्याम लोधी, सपा के प्रत्याशी मौलाना मोहिब्बुल्लाह नदवी, बसपा के जीशान खां, मॉयनरिटीज डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रत्याशी अरशद वारसी, निर्दलीय प्रत्याशी सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता महमूद प्राचा व निर्दलीय प्रत्याशी शिव प्रसाद चुनाव मैदान में हैं।
2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक रामपुर की जनसंख्या 23 लाख से ज्यादा था। रामपुर की 53.34 फीसदी जनसंख्या साक्षर है, इनमें पुरुष 61.40 फीसदी और महिलाओं की साक्षरता दर 44.44 फीसदी है. रामपुर लोकसभा क्षेत्र में करीब 16 लाख से अधिक मतदाता हैं, इनमें 8,72,084 पुरुष और 7,44,900 महिला वोटर्स हैं। रामपुर क्षेत्र में कुल 50.57 % मुस्लिम आबादी है, जबकि 45.97 % हिंदू जनसंख्या है।
रामपुर में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान का गढ़ रहा है। रामपुर संसदीय सीट पर 50 फीसदी से भी अधिक जनसंख्या मुस्लिम आबादी की है।
1998 में बीजेपी के टिकट पर मुख्तार अब्बास नकवी यहां से चुनाव जीते थे। उसके बाद 2004 और 2009 में समाजवादी पार्टी की तरफ से बॉलीवुड अभिनेत्री जयाप्रदा यहां से सांसद चुनी गई थीं। यहां हुए कुल 16 चुनाव में से दस बार कांग्रेस जीती।
रामपुर लोकसभा सीट पर 11 उम्मीदवार मैदान में थे। लेकिन मुख्य मुकाबला बीजेपी की जयाप्रदा और सपा के आजम खान के बीच था। जबकि कांग्रेस की ओर से संजय कपूर और एमडीपी के टिकट पर अरसद वारसी मैदान में थे। 4 उम्मीदवार बतौर निर्दलीय मैदान में थे।
सपा के आज़म खान ने जीत दर्ज की, उन्हें 5,59,177 वोट मिले थे। जबकि बीजेपी की स्टार उम्मीदवार जया प्रदा 4,49,180 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रही और कांग्रेस के संजय कपूर 35,009 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।
2014 में हुए लोकसभा चुनाव में यहां से भारतीय जनता पार्टी के नेपाल सिंह ने जीत दर्ज की थी। 2014 में उत्तर प्रदेश से कोई भी मुस्लिम सांसद चुनकर नहीं गया था, जो कि इतिहास में पहली बार हुआ था।
नेपाल सिंह को 37.5 फीसदी और समाजवादी पार्टी के नसीर अहमद खान को 35 फीसदी वोट मिले थे। नेपाल सिंह की जीत का अंतर मात्र 23,435 वोटों का ही था। 2014 में यहां कुल 59.2 फीसदी वोट पड़े थे, इनमें से भी 6905 नोटा को गए थे।