भोपाल: Lok Sabha Chunav 2024 MP में तीसरे चरण का मतदान पूरा हुआ और वोटिंग का डेटा सामने आते ही बीजेपी के लिए टेंशन का सबब बन गया। पिछले दो चरणों के मतदान की तरह तीसरे चरण में भी वोटिंग के प्रतिशत में गिरावट आई। 0.83 फीसदी कम मतदान हुआ। वहीं मतदान के कम प्रतिशत ने मोहन सरकार के कई मंत्रियों की नींद उड़ा दी है।
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Lok Sabha Chunav 2024 मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के तीन चरण पूरे हो चुके हैं। लेकिन वोटर्स का मतदान को लेकर उदासीन रवैया चौका रहा है। कम मतदान ने मोहन सरकार के 11 मंत्रियों की चिंता भी बढ़ा दी है। गृहमंत्री अमित शाह ने छिंदवाड़ा में बैठक के दौरान वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने की जिम्मेदारी मंत्रियों को दी थी और इसमें गिरावट जारी रहने पर कार्रवाई की बात कही थी। इससे बाद भी प्रदेश के 10 मंत्रियों को जादू उनके खुद के विधानसभा क्षेत्र में नहीं चला। इसे आंकड़ों के जरिए समझते हैं।
कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना की सुमावली सीट पर पिछले चुनाव की तुलना में 19.40% वोट कम पड़े। मंत्री विजय शाह के हरसूद विधानसभा क्षेत्र में 12.76% कम वोट डाले गए। मंत्री राकेश शुक्ला की मेहगांव विधानसभा में भी 10.99% वोट कम पड़े। इसी तरह राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा की इच्छावर विधानसभा में 7.45% कम मतदान हुआ। खाद्य मंत्री गोविंद राजपूत की सुरखी विधानसभा में 9.77% कम वोटिंग मंत्री गौतम टेटवाल की सारंगपुर विधानसभा में 5.61% कम मतदान मंत्री नारायण पंवार की ब्यावरा विधानसभा में भी 9.49% कम लोग मतदान करने पहुंचे खेल मंत्री विश्वास सारंग की नरेला विधानसभा में 6.15% कम वोटिंग हुई ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न तोमर की ग्वालियर विधानसभा में 6.75% मतदान घटा नारायण कुशवाहा की ग्वालियर दक्षिण विधानसभा में 2.74% कम मत पड़े।
इन आंकड़ों ने कांग्रेस को बीजेपी पर तंज कसने का मौका दे दिया है। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी की सरकार पर उसके कोर वोटर का भरोसा नहीं रहा। वहीं बीजेपी कांग्रेस को पहले अपना घर ठीक करने की नसीहत दे रही है।
मोहन कैबिनेट में राज्य मंत्री कृष्णा गौर ही अकेली ऐसी मंत्री रहीं जो अपने गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में 9.69% वोटिंग बढ़ा पाई है। पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव का अनुभव कहता है कि बीजेपी का कोर वोटर जब मतदान करने निकलता है तब ही वोटिंग प्रतिशत बढ़ता है। बहरहाल ये बस अटकले हैं वोटर्स के के मन में क्या है और इससे किस पार्टी को फायदा और किसे नुकसान है ये वो पहेली है जो 4 जून को ही सुलझने के आसार हैं।