भोपाल: Lok Sabha Chunav 2024 मध्यप्रदेश की ग्वालियर लोकसभा सीट प्रदेश की सबसे प्रतिष्ठित सीटों में से एक है। खास बात ये है कि यहां विकास कार्य किसी भी पार्टी के लिए जीत की गारंटी नहीं है। अगर पार्टी ने जातिगत समीकरण की अनदेखी की तो उसकी हार तय है। यहां किसी भी प्रत्याशी की सफलता में जातिगत समीकरणों की बड़ी भूमिका है। 2024 के चुनाव में ग्वालियर सीट का चुनाव इसी के इर्द-गिर्द लड़ा जा रहा है।
जातिगत समीकरणों में उलझ गया है। कांग्रेस ने जहां प्रवीण पाठक को प्रत्याशी बनाकर ब्राह्मण मतदाताओं को साधने की कोशिश की है। वहीं मुस्लिम-दलित मतदाताओं के भरोसे भी जीत की आस लगा रही है। दूसरी ओर बीजेपी भारत सिंह कुशवाह के जरिए OBC वोटर्स को साधने की उम्मीद कर रही है। इस तरह यहां चुनाव OBC Vs सामान्य हो गया है। चलिए अब जरा यहां के जातिगत समीकरणों पर नजर दौड़ाते हैं।
ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र में राजपूत और ब्राह्मण वोटर्स का दबदबा है। हालांकि OBC वोटर्स की संख्या यहां सबसे ज्यादा 4 लाख हैं। वहीं ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या 3 लाख है। राजपूत वोटर्स की संख्या 2 लाख के आसपास है। इनके अलावा गुर्जर, यादव, बघेली, आदिवासी और मराठी वोटर भी है। जिन्हें फ्लोटिंग वोटर माना जाता है। हार-जीत की दिशा तय करने में ये अहम भूमिका निभाते हैं।
सीएम मोहन यादव ने इसी के चलते ग्वालियर में यादव समाज के वोटर्स की गोपनीय बैठक ली। इसके अलावा बीजेपी के रीति पाठक, डिप्टी सीएम राकेश शुक्ला और पूर्व सीएम उमा भारती भी अलग-अलग समाज की बैठके लेकर जातिगत गणित बिठा रहे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस बीजेपी पर समाज को बांटने का आरोप लगाकर तंज कस रही है।
ग्वालियर सीट पर कांग्रेस और बीजेपी ने ऐसे प्रत्याशियों पर दांव लगाया है। जिन्हें हाल के विधानसभा चुनाव में शिकस्त का सामना करना पड़ा था। अब ये तो 4 जून को ही साफ होगा। कि बीजेपी और कांग्रेस में से किसका गणित सटीक बैठा है।