नई दिल्ली: चुनाव आयोग के 2 नए चुनाव आयुक्तों के लिए नाम फाइनल हो गए हैं। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई सेलेक्शन कमेटी की बैठक में केरल के ज्ञानेश कुमार और पंजाब के बलविंदर संधू के नाम फाइनल हो गए जिसके बाद दोनों अफसरों ने पदभार भी ग्रहण कर लिया। इस बैठक में विपक्ष के नेता अधीर रंजन ने भी शामिल हुए थे। (Kab honge 2024 loksabha chunav) वही इसके अलावा चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों और पूरी समीक्षा के लिए बैठक आयोजित की थी जो की ख़त्म हो चुकी हैं। यह बैठक करीब 40 मिनट तक चली। अब कभी भी देशभर में चुनाव की तारीखों का ऐलान करते हुए आदर्श अचार संहिता लागू किया जा सकता हैं।
CEC Shri Rajiv Kumar welcomed the two newly-appointed Election Commissioners, Shri Gyanesh Kumar & Dr Sukhbir Singh Sandhu who joined the Commission today
#ECI #ChunavKaParv pic.twitter.com/9cHMWF0UOo— Spokesperson ECI (@SpokespersonECI) March 15, 2024
सूत्रों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। सभी दलों ने जम्मू कश्मीर में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव कराने की भी मांग की। कई राज्यों में विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ ही निर्वाचन आयोग जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में भी विधानसभा चुनाव का ऐलान करेगा। हालांकि, जम्मू-कश्मीर पर क्या फैसला होगा।
कयास लगाए जा रहे हैं आगामी लोकसभा चुनाव भी 2019 की तरह ही सात चरणों में हो सकते हैं। सात चरण में हुए थे पिछले लोकसभा चुनाव2019 के लोकसभा चुनाव सात चरणों में संपन्न हुए थे। पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल और आखिरी दौर का मतदान 19 मई को हुआ था। 2019 में 11 अप्रैल , 18 अप्रैल, 23 अप्रैल, 29 अप्रैल, 6 मई, 12 मई और 19 मई को वोटिंग की गई थी। चुनाव के परिणाम 23 मई को घोषित कि गए थे। (Kab honge 2024 loksabha chunav) पिछली बार भी लोकसभा चुनाव के साथ-साथ आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम राज्यों के विधानसभा चुनाव के चुनाव हुए थे।
पिछले चुनाव में बीजेपी ने 303 सीटों पर जीत हासिल की थी और बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को कुल 353 सीटें मिली थीं। बीजेपी ने उस चुनाव में 37.36 फीसदी वोट हासिल किए, जबकि एनडीए को 45 प्रतिशत वोट मिले थे। वहीं, कांग्रेस पार्टी ने 52 सीटें जीतीं और कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 92 सीटें जीतीं। अन्य दलों के खाते में 97 सीटें गईं थीं।