EVM VVPAT Slip: नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। देश में सात चरणों में मतदान होने वाले हैं। वहीं, 4 जून को मतगणना होगी। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने 100% EVM Votes-VVPAT सत्यापन की याचिका पर ECI को नोटिस जारी किया है। संसदीय क्षेत्र के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में केवल 5 यादृच्छिक रूप से चयनित इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) के सत्यापन के बजाय चुनावों में सभी मतदाता सत्यापित पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पेपर पर्चियों की गिनती की मांग की गई।
क्या है VVPAT
‘वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ (वीवीपीएटी) एक स्वतंत्र वोट वेरिफिकेशन सिस्टम है, जो वोटर्स को यह देखने की अनुमति देती है कि उसका वोट उसी उम्मीदवार को गया है या नहीं, जिसे उसने वोट दिया है। VVPAT के जरिये मशीन से कागज की पर्ची निकलती है, जिसे मतदाता देख सकता है और इस पर्ची को एक सीलबंद डिब्बे में रखा जाता है और विवाद की स्थिति में इसे खोला जा सकता है।
5 ईवीएम के वेरिफिकेशन का नियम
बता दें कि वर्तमान में, वीवीपीएटी पर्चियों के जरिये रैंडम तौर पर चुने गए केवल 5 ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के वेरिफिकेशन का नियम है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने इसी तरह की राहत की मांग करते हुए एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) द्वारा दायर अन्य याचिका के साथ याचिका को टैग करते हुए आदेश पारित किया।
याचिका में EC के दिशानिर्देश को भी चुनौती दी गई, जिसमें कहा गया कि VVPAT सत्यापन क्रमिक रूप से किया जाएगा। यानी एक के बाद एक, जिससे अनावश्यक देरी होगी। याचिका में दलील दी गई कि अगर एक साथ सत्यापन किया जाए और प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में गिनती के लिए अधिक अधिकारियों को तैनात किया जाए तो पूरा VVPAT सत्यापन 5-6 घंटे में किया जा सकता है।
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