भोपाल: Lok Sabha Chunav 2024 मध्यप्रदेश की इंदौर लोकसभा सीट पर इस बार एक अलग किस्म की लड़ाई लड़ी जा रही है। ये लड़ाई बीजेपी बनाम नोटा की है। कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम के मैदान से हटने से कांग्रेस ने नोटा को ही अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। नोटा यानी मतदाता का एक ऐसा वोट जो चुनाव में मौजूद सभी प्रत्याशियों के खिलाफ होता है। कांग्रेस इसे बढ़-चढ़कर प्रमोट कर रही है और उसने इसे कैपेन का रूप दे दिया है। एक नजर लोकसभा चुनाव में लड़ी जा रही इस अनोखी लड़ाई पर।
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Lok Sabha Chunav 2024 इंदौर के चुनावी मैदान से कांग्रेस भले बाहर हो चुकी है। लेकिन उसने हार नहीं मानी है। बीजेपी को जवाब देने ग्राउंड पर घेराबंदी कर रही है और इसमें उसने NOTA को हथियार बनाया है। यानी बीजेपी के शंकर लालवानी को 14 निर्दलीय प्रत्याशी के साथ-साथ नोटा से भी दो-दो हाथ करना पड़ेगा। जिसका प्रचार कांग्रेस जोर शोर से कर रही है। कांग्रेसी पूरे शहर में नोटा के पोस्टर चिपका रहे हैं तो दूसरी तरफ भाजपाई इन पोस्टरों को फाड़ रहे हैं। बीजेपी पार्षद संध्या यादव ने ऑटो पर चिपकाया ऐसा एक पोस्टर खुद फाड़ दिया। जिसका एक वीडिया खूब वायरल हो रहा है। कांग्रेस और बीजेपी इसे लेकर आमने सामने हैं।
इंदौर में बीजेपी बनाम नोटा की ये लड़ाई की पृष्ठभूमि भी बड़ी दिलचस्प है। दरअसल कांग्रेस के आधिकारिक प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने आखिरी समय में अपना नामांकन वापस ले लिया और चंद मिनटों में बीजेपी में शामिल हो गए। कांग्रेस ने अक्षय कांति के इस धोखे और बीजेपी को जवाब देने के लिए नोटा का प्रमोट करने का अभियान छेड़ा है।
चुनाव में साफ-सुधरे प्रत्याशियों की मांग को लेकर अक्सर नोटा का बटन दबाने के लिए जोर दिया जाता रहा है। लेकिन इंदौर का मामला थोड़ा अलग है। कांग्रेस नोटा के जरिए बीजेपी को सबक सिखाना चाहती है। वहीं बीजेपी के लिए ये चिंता का सबब बन चुका है अगर बड़ी संख्या में लोगों ने नोटा को चुन लिया तो उसके लिए ये शर्मिंदगी की बड़ी वजह बन जाएगा।