Why did Rahul praise China's development in America?

#BigPictureWithRKM: राहुल गांधी ने की चीन की तारीफ तो भड़की BJP.. आखिर कितना दम हैं नेता विपक्ष के दावों में? देखें राहुल की अमेरिका यात्रा का बिग पिक्चर

वह हमेशा से चीन का पक्ष लेते रहे हैं बावजूद इसके कि आज भारत देश विकास और प्रगति की राह पर है।

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Modified Date: September 10, 2024 / 12:02 AM IST
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Published Date: September 10, 2024 12:02 am IST

 

Big Picture With RKM: रायपुर: लोकसभा के नेता विपक्ष राहुल गांधी तीन दिनों के अमेरिका की यात्रा पर हैं। यहां उन्होंने यूनिवर्सिटी और टेक्सास ने छात्रों को सम्बोधित किया और चाइना की तारीफ भी की। राहुल गांधी ने कहा कि चीन पूरी दुनिया में विनिर्माण और उत्पादन में पूरी दुनिया का बॉस बना हुआ है। (Why did Rahul praise China’s development in America?) जबकि भारत के पास मैनुफेक्चरिंग और प्रोडक्शन की क्षमता नहीं है। इस दौरान उन्होंने अमेरिका समेत कई दूसरे पश्चिमी देशों को भी लपेटा लेकिन उनका सीधा निशाना भारत पर था। उनका कहना था कि चूंकि भारत में विनिर्माण और उत्पादन कमजोर हैं इसलिए देश में बेरोजगारी का स्तर काफी ज्यादा है।

बेरोजगारी के आंकड़ों पर नजर

लेकिन राहुल गांधी के आंकड़े सही नहीं है। अगर हमें देखें कि जून 2024 तक भारत में बेरोजगारी की दर 9.2 फ़ीसदी थी जबकि जुलाई 2024 में चीन में बेरोजगारी का प्रतिशत 17.1 प्रतिशत रहा।

भाजपा हुई हमलावर

अब जब राहुल गांधी कोई बयान दे और वह बयान भी चीन से संबंधित हो तो ऐसा कैसे हो सकता हैं कि भारत में उसपर विवाद न हो? भाजपा ने राहुल गांधी पर हमलावर होते हुए कहा कि वह तो हमेशा से राहुल गांधी को चीन का प्रशंसक बताते रहे हैं। (Why did Rahul praise China’s development in America?) वह हमेशा से चीन का पक्ष लेते रहे हैं बावजूद इसके कि आज भारत देश विकास और प्रगति की राह पर है।

लेकिन क्या विनिर्माण और उत्पादन में भारत को कम आंका जा सकता हैं? आखिर राहुल गांधी के दावों की हकीकत क्या है? हमने फैक्ट चेक में जाना कि भारत में मैनुफेक्चरिंग और प्रोडक्शन की दिशा में पिछले दशकों में बहुत काम हुआ है। इनमें मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इन इंडिया और फिर इनके बाद आया पीएलआई यानी प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव स्कीम। यह पीएलआई स्कीम भारत में काफी सफल रहा हैं। इस योजना के ही बदौलत आज भारत दुनिया के सबसे बड़े मोबाइल विनिर्माता के तौर पर उभरा है, और दुसरे नंबर पर है। इसके अलावा हम बात करें ऑटोमोबाइल्स की या फिर गैजेट, डिवाइसेस जिनमें टीवी सेट, फ्रीज जैसे सामान शामिल है। भारत ने इनके विनिर्माण की दिशा में बड़ी उपलब्धियां हासिल की है। बात पीएलआई की ही करें तो सरकार ने विनिर्माताओं को कई तरह की छूट देती रही हैं, कारोबारी सफलता के लिए सुविधाएँ प्रदान करती रही है।

कोरोना काल के बाद दुनिया ने भी इसके तकनीक और विनिर्माण के केंद्रीयकृत होने के नुकसान को समझा। (Why did Rahul praise China’s development in America?) बात दुनिया के सबसे महंगे फोन निर्माता एप्पल की करें तो आज भारत एप्पल का सबसे बड़ा विनिर्माणकर्ता देश बनता जा रहा हैं। तो यह सभी भारत की क्षमताओं से जुड़े फैक्ट्स हैं।

इनके अलावा भी राहुल गांधी ने कई बातें कही है। उन्होंने कहा कि देश में बोलने की आजादी ख़त्म हो चुकी हैं। भारत में हिंसा और नफरत की राजनीति फ़ैल चुकी है। और यही वजह हैं कि लोगों के बीच प्यार बांटने के लिए उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा भी की थी। भारत में मीडिया बिक चुका है, ज्यूडिशरी बिक चुकी हैं। अभिव्यक्ति ख़त्म हो चुकी है। इस तरह उन्होंने अमेरिका की धरती से भारत की संस्थाओं के बारें में नकारात्मक बातें कही।

अब सवाल उठता हैं कि देश के विपक्ष के नेता राहुल गांधी जो बातें भारत में अपने भाषणों में कहते हैं क्या वही बातें देश के बाहर कहना उन्हें शोभा देता है? क्या जिम्मेदार पद पर बैठे नेता के भारत विरोधी बयानों से देश की छवि खराब नहीं होगी? (Why did Rahul praise China’s development in America?) क्या राहुल गांधी के बयानों से कोई देश विरोधी नया नैरेटिव शुरू नहीं होगा?

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