Big Picture with RKM: रायपुर: अमेरिकी चुनाव के नतीजों पर पूरी दुनिया की नजर टिकी हुई है। संभव हैं कि कल जब भारत में लोग सोकर उठें तो उन्हें मालूम हो जाये कि अमरीका में कमला हैरिस की जीत होगी या डोनाल्ड ट्रम्प फिर से अमेरिका की बागडोर संभालेंगे। हालांकि यह भी मुमकिन है कि परिणाम स्पष्ट भी न हो। (What impact will the US election results have on India?) इसकी पहली वजह हैं कि, इस बार यह पता कर पाना मुश्किल हो रहा है कि आखिर कौन जीत दर्ज करेगा? दावा यह भी किया जा रहा है कि अमेरिका का यह चुनाव सबसे नजदीकी प्रतिद्वंदिता वाला चुनाव हैं। अमूमन दोनों ही पार्टी के नेताओं के बीच 3 से 4 प्रतिशत का अंतर देखा जाता रहा है लेकिन इस बार यह अंतर भी दिखाई नहीं दे रहा। इसलिए संभव हैं कि, नतीजे आसानी से सामने ना आये। दूसरी तरफ डोनाल्ड ट्रम्प पहले ही कह चुके हैं कि, वह आसानी से हार नहीं मानेंगे और अपनी हार को ही स्वीकार नहीं करेंगे। ऐसे में अमेरिका का चुनाव और परिणाम काफी हद तक दिलचस्प हो चुका है।
Big Picture with RKM:अमेरिका का चुनाव भारत के चुनाव से काफी अलग और जटिल है। भारत में सांसद के चुनाव के बाद जिस दल के ज्यादा संसद होते हैं उनके ही प्रधानमंत्री चुने जाते है, लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति के चुनाव में राज्यों के प्रतिनिधियों की भूमिका और लोकप्रिय वोटों का योगदान होता है। इसलिए संभावना जताई जा रही हैं कि वोटों की गिनती और फिर नतीजों के सामने आने में दो से तीन दिन भी लग सकते है। अमेरिका में एक चुनाव ऐसा भी था कि गिनती शुरू होने के तीन हफ्ते बाद तक भी नतीजे सामने नहीं आ सके थे। इसलिए इस बार भी नतीजों ने देर के संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता।
हम जानते हैं कि, भारत के रिश्ते अमेरिका से फ़िलहाल अच्छे हैं। पिछले कुछ सालों में इस रिश्ते में मजबूती भी देखी गई है। हम जानते हैं कि, इस बार राष्ट्रपति की सबसे बड़ी दावेदार कमला हैरिस है। कमला के राष्ट्रपति बनने से कई इतिहास भी बनेंगे। मसलन कमला अमेरिका के इतिहास की पहली महिला राष्ट्रपति ही नहीं होंगे बल्कि पहली अश्वेत महिला और पहले दक्षिण एशियाई मूल की भी महिला प्रेजिडेंट होंगी। (What impact will the US election results have on India?) कमला हैरिस की जड़ें भारत से जुड़ी हैं लिहाजा भारत में उनके पैतृक गांव तमिलनाडु के थुलसेंद्रपुरम में इस वक़्त कमला के जीत की प्रार्थना की जा रही है। पूजा-अर्चना की जा रही है।
Big Picture with RKM: बहरहाल अब बड़ा सवाल है कि क्या कमला के राष्ट्रपति बनना भारत के लिए बेहतर होगा और इससे भारत को किसी तरह का फायदा छिपा होगा? तो ऐसे में यह मानना सही नहीं होगा बल्कि कमला हैरिस पिछली सरकार के नीतियों पर आगे बढ़ेंगी और भारत के साथ पिछले रिश्तों को ही बनाये रखने की कोशिश करेंगी। फिर यह क्षेत्र रक्षा, रणनीति, व्यापार या फिर पर्यावरण से किन न जुड़े हो। उन्हें नहीं लगता कि इनमें कोई खास अंतर आएगा। एक उदहारण के तौर पर समझा जाये तो कमला हैरिस कुछ हद तक अमेरिकी राजनीति में वामपंथी है जबकि इसके उलट डोनाल्ड ट्रम्प दक्षिणपंथी यानि राष्ट्रवादी। कमला हैरिस राहुल गांधी की तरह संविधान को बचाने की बात कहती है। वह अमूमन उन्ही तरह के मुद्दों को लेकर बातें करती रही हैं जिस तरह के मुद्दे पर कांग्रेस सामने आती है। इसलिए भारत के साथ रिश्तों में कोई अंतर आये ऐसा नहीं है।
एक सवाल यह भी क्या कमला हैरिस के राष्ट्रपति बनने से भारत को किसी तरह का निजी फायदा होगा? तो ऐसा भी नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपतियों का इतिहास हैं कि वह पहले अमेरिकी हितों के बारें में सोचते हैं और फिर देश दुनिया और फिर आखिरी में द्विपक्षीय रिश्तों के बारें में। वही इसके उलट अलग डोनाल्ड ट्रैम्प सत्ता में आते हैं तो भारत के साथ उनके रिश्ते रोचक हो सकते है। (What impact will the US election results have on India?) ट्रंप भी पीएम मोदी की तरह राष्ट्रवादी नेता है और अपने ‘MAGA’ कैम्पेन यानी मेक अमेरिका ग्रेट अगेन पर जोर देते हैं। उनके पिछले कार्यकाल में पीएम मोदी के रिश्ते काफी मधुर थे। जब वे भारत के दौरे पर आये थे तब भी अहमदाबाद में एक बड़ा इवेंट किया गया था। लेकिन इन सबसे अलग वह भारत के कुछ नीतियों के आलोचक भी रहे हैं। व्यापार के संबंध में वह भारत को कई बार घेर चुके हैं। वह आयात निर्यात में इम्पोर्ट ड्यूटी के मामले पर भी टिप्पणी करते रहे है। ऐसे में यह तय हैं कि कमला हैरिस के मुकाबले डोनाल्ड ट्रैम्प के साथ भारत के रिश्ते रोचक होंगे, अलग होंगे।