International Yoga Day 2024 : अपने स्वास्थ्य का रखें विशेष ख्याल, रोजाना करें इन 5 योगासन का अभ्यास, रहेंगे रोग मुक्त

International Yoga Day 2024 : इस वर्ष 10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है, जिसका विषय है "स्वयं और समाज के लिए योग।"

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  • Publish Date - June 19, 2024 / 03:20 PM IST,
    Updated On - June 19, 2024 / 03:20 PM IST

International Yoga Day 2024 : नई दिल्ली। आंतरराष्ट्रीय योग दिवस प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाता है। यह दिन उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घायु बनाता है। 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र के 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को ‘आंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। भारत के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अन्दर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो किसी प्रस्तावित दिवस को संयुक्त राष्ट्र संघ में पारित करने के लिए सबसे कम समय है।

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International Yoga Day 2024 : इस वर्ष 10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है, जिसका विषय है “स्वयं और समाज के लिए योग।” योग, एक परिवर्तनकारी अभ्यास है, जो मन और शरीर के सामंजस्य, विचार और क्रिया के बीच संतुलन और संयम और पूर्ति की एकता का प्रतिनिधित्व करता है। यह शरीर, मन, आत्मा और आत्मा को एकीकृत करता है, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है जो हमारे व्यस्त जीवन में शांति लाता है। परिवर्तन करने की इसकी शक्ति ही है जिसका हम इस विशेष दिन पर जश्न मनाते हैं।

 

5 योगासन रखेंगे स्वास्थ्य

 

सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार 12 आसनों का एक समूह है जो पूरे शरीर को गर्म करता है, मांसपेशियों को मजबूत करता है और पाचन में सुधार करता है। यह शुरुआती लोगों के लिए एक बेहतरीन योगासन है और इसे दिन में 5-10 बार किया जा सकता है।

ताड़ासन (पर्वत मुद्रा)

ताड़ासन रीढ़ की हड्डी को सीधा करता है, संतुलन में सुधार करता है और पूरे शरीर को मजबूत बनाता है। इसे खड़े होकर, पैरों को कूल्हों की चौड़ाई से अलग रखकर और हाथों को पक्षों पर रखकर किया जाता है।

त्रिकोणासन (त्रिकोण मुद्रा)

त्रिकोणासन रीढ़ की हड्डी को मोड़ता है, छाती को खोलता है और पाचन में सुधार करता है। इसे खड़े होकर, एक पैर को दूसरे पैर से लगभग 3-4 फीट दूर रखकर किया जाता है, और शरीर को आगे की ओर झुकाते हुए, हाथों को जमीन की ओर फैलाया जाता है।

वृक्षासन (वृक्ष मुद्रा)

वृक्षासन संतुलन और एकाग्रता में सुधार करता है। इसे खड़े होकर, एक पैर को दूसरे पैर की जांघ पर रखकर किया जाता है, और हाथों को नमस्ते की मुद्रा में जोड़कर ऊपर उठाया जाता है।

 

शवासन (शव मुद्रा)

शवासन तनाव कम करता है और शरीर को आराम देता है। इसे पीठ के बल लेटकर, पैरों को कूल्हों की चौड़ाई से अलग रखकर और हाथों को पक्षों पर रखकर किया जाता है।

 

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