नई दिल्ली। Physical Relationship and Prostate Cancer: मास्टरबेशन एक नेचुरल प्रक्रिया है। आजकल ऐसा सभी युवा करते हैं। एक निश्चित टाइम पीरियड जैसे एक सप्ताह या एक माह में एक पुरुष कितनी बार अपना स्पर्म रिलीज करता है। मर्द दो तरीके से स्पर्म रिलीज करते हैं- एक मास्टरबेशन और दूसरा फिजिकल रिलेशन। इस स्टडी में दावा किया गया कि जो मर्द ज्यादा फ्रीक्वेंसी से एजैकुलेट होते हैं उनमें प्रोस्टेट कैंसर का खतरा कम होता है। ज्यादा फ्रीक्वेंसी से मतलब महीने में कम से कम 21 बार रखा गया, यानी करीब हर तीन दिन में दो बार। कुछ साइंटिफिक अध्ययन भी इस दावे को सपोर्ट करते हैं, लेकिन मेडिकल साइंस पुख्ता तौर पर इसको लेकर कुछ नहीं कहता।
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एक अध्ययन में ये दावा किया गया कि जो पुरुष ज्यादा फ्रिक्वेंसी में एजैकुलेट करते हैं उनमें प्रोस्टेट कैंसर का खतरा कम हो जाता है। इसको लेकर अमेरिकी सरकार की वेबसाइट ncbi.nlm.nih.gov/pmc पर रिपोर्ट भी छपी है। वैसे इस रिसर्च से यह बात स्पष्ट हो गई है कि मास्टरबेशन या फिर ज्यादा फिजिकल रिलेशन बनाने से प्रोस्टेट कैंसर नहीं होता। दिल्ली के एक डॉक्टर का कहना है कि आपके फिजिकल रिलेशन की फ्रिक्वेंसी या मास्टरबेशन की फ्रिक्वेंसी से प्रोस्टेट कैंसर का कुछ लेना देना नहीं है। उनका कहना है कि सामान्य तौर पर 50 साल की उम्र में ऐसी शिकायतें आने लगती हैं। मर्दों में 40 की उम्र के बाद प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ने लगता है।
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पेशाब में किसी तरह की परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
यूरोलॉजिस्ट की राय लें, न कि गूगल से ज्ञान हासिल करें।
मर्दों में प्राइवेट ऑर्गेन के बारे में बात करें।
डॉक्टर से किसी तरह का संकोच न करें।
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इस बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है। डॉक्टरों का सुझाव है कि जिनके पैरेंट्स को कैंसर की हिस्ट्री है उनको सचेत रहना चाहिए। यदि पिता को प्रोस्टेट और मां को ब्रेस्ट कैंसर हो तो उस व्यक्ति को डीआरई (DRE) टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। डीआरई टेस्ट का मतलब होता है- डिजिटल रेक्टम एग्जामिनेशन. यह एक प्रोसेज्योर होता है। इसमें पुरुषों में लोवर रेक्टम और अन्य इंटरनल ऑर्गेन की जांच की जाती है। इसको किसी स्पेशलिस्ट डॉक्टर या यूरोलॉजिस्ट से ही करवाना चाहिए। इसके अलावा वह 40 की उम्र से ज्यादा के पुरुषों को सलाह देते हैं कि उन्हें साल में एक बार पीएसए टेस्ट करवा लेना चाहिए। पीएसए का लेवल अगर 4 से ज्यादा हो तो उसके प्रोस्टेट कैंसर में तब्दील होने की आशंका काफी ज्यादा हो जाती है। इसके अलावा एमआरआई और कई अन्य टेस्ट हैं।
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