Male fertility tips: नई दिल्ली, 12 जून 2022। उम्र बढ़ने के साथ पुरुष और महिला दोनों की प्रजनन क्षमता (Reproductive capacities) कम हो जाती है। एक्सपर्ट का कहना है, जिन लोगों की उम्र 30 से 40 के बीच होती है और जो अपनी सेहत पर ध्यान नहीं देते, उन लोगों में बच्चे पैदा करने की क्षमता पर खासा असर पड़ता है। एक्सपर्ट का मानना है कि एक बार जब कोई पुरुष 40 वर्ष की आयु तक पहुंच जाता है तो उसकी प्रजनन क्षमता कम होने लगती है। अगर महिला प्रेग्नेंट नहीं हो पा रही है तो उन मामलों में से लगभग 50 प्रतिशत मामलों में गर्भधारण की परेशानियों का पता पुरुषों की सेहत से लगाया जा सकता है।
read more : पोर्न इंडस्ट्री का दर्दनाक सच! कम उम्र में हुआ रेप तो परिवार ने गंदे धंधे में धकेला
फर्टिलिटी एक्सपर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ दशकों में पुरुषों के शुक्राणुओं की संख्या में कमी देखी गई है। हर 8 में 1 कपल को गर्भधारण संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन मामलों में 40 प्रतिशत मेल इंफर्टेलिटी (Male infertility) के कारण हैं। डाइट, मोटापा, पर्याप्त नींद की कमी, साइकोलॉजिकल स्ट्रेस, लेपटॉप और मोबाइल रेडिएशन, स्मोकिंग, शराब, ड्रग्स आदि भी फर्टिलिटी रेट पर नेगेटिव प्रभाव डालते हैं। रोजाना की एक्टिविटी को सुधारकर और लाइफस्टाइल में बदलाव करके फर्टिलिटी रेट को सुधारा जा सकता है।
read more :लापता बॉयफ्रेंड को खोजने निकली थी लड़की, सामने आया लड़के का सच तो उड़े होश!
फर्टिलिटी एक्सपर्ट के मुताबिक, वे कौन सी 5 बुरी आदतें हैं जो पुरुषों की रिप्रोडक्टिव हेल्थ को नुकसान पहुंचा रही हैं, तो यहां जानिए—
1. धूम्रपान और शराब पीना (Smoking and Drinking): तंबाकू का सेवन करने और स्मोकिंग करने से वीर्य की गुणवत्ता कम हो जाती है और यह शुक्राणु के डीएनए को भी नुकसान पहुंचाता है। इसके अलावा शराब पीने से टेस्टोस्टेरोन लेवल कम हो सकता है, जिसके कारण इरेक्टाइल डिसफंक्शन और स्पर्म प्रोडक्शन कम हो सकता है।
2. मोटापा (Obesity): मोटे पुरुषों में सामान्य बीएमआई कैटेगरी वाले पुरुषों की तुलना में वीर्य की गुणवत्ता कम होती है। दरअसल, मोटे लोगों के शुक्राणुओं के डीएनए अधिक डैमेज होते हैं जो प्रजनन क्षमता पर गलत असर डालते हैं।
3. तनाव (Stress): स्ट्रेस से टेस्टोस्टेरोन असंतुलन हो जाता है और फिर हार्मोनल बदलाव के कारण पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर गलत असर होता है।
4. नशीली दवाओं का उपयोग (Drug use): कई लोग मसल्स गेन करने के लिए और स्टेमिना बढ़ाने के लिए तरह-तरह की नशीली दवाओं का प्रयोग करते हैं। इससे अंडकोष सिकुड़ सकते हैं और शुक्राणु का उत्पादन कम हो सकता है, इसके अलावा कोकीन या मारिजुआना का उपयोग अस्थायी रूप से आपके शुक्राणुओं की संख्या और क्वालिटी को भी कम कर सकता है।
5. सुस्त लाइफस्टाइल (Sedentary Lifestyle): एक्सपर्ट बताते हैं कि सुस्त लाइफस्टाइल से शुक्राणु की क्वालिटी, मात्रा और स्टेमिना में कमी देखी जाती है, इससे ओवरऑल फर्टिलिटी कमजोर हो सकती है।
इसलिए हमेशा इन बातों से बचकर रहें ताकि फर्टिलिटी संबंधित कोई समस्या ना आए, वहीं अगर आप फर्टिलिटी संबंधित कोई समस्या महसूस करते हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिलें ताकि समय रहते सही इलाज हो सके।