Desh Bhakti shayari : Desh bhakti shayari Hindi 2021

Desh Bhakti shayari : Desh bhakti shayari Hindi 2021

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 08:03 PM IST
,
Published Date: August 14, 2021 10:55 am IST

Swatantrata diwas kareeb hai, aap sabhi ke liye ham laye hai desh bhakti shayari jise ap apne dosto ke sath share kar sakte hai. Desh bhakti shayari hindi me hai to aap inhe padh kar share jarur kre. Ap sabhi ko Independence day 2021 ki subh kamnaye.

देश की हिफाजत मरते दम तक करेंगे

दुश्मन की हर गोली का हम सामना करेंगे

आजाद हैं और आजाद ही रहेंगें

जय हिन्द !!

 

ये बात हवाओ को भी बताये रखना, रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना, लहू देकर जिसकी हिफाज़त हमने की.. ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना..!

 

मैं भारतवर्ष का हरदम अमिट सम्मान करता हूँ

यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,

मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,

तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ।

 

लिख रहा हूं मैं अजांम जिसका कल आगाज आयेगा, मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है तुमसे मेरा कि, मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा.

 

खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं, मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं, करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों, तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है…!

 

मेरे मुल्क की हिफाज़त ही मेरा फ़र्ज है

और मेरा मुल्क ही मेरी जान है,

इस पर कुर्बान है मेरा सब कुछ,

नही इससे बढ़कर मुझको अपनी जान है।

 

देश को आजादी के नए अफसानों की जरूरत है| भगत-आजाद जैसे आजादी के दीवानों की जरूरत है, भारत को फिर देशभक्त परवानों की जरूरत है.

 

दिलों की नफरत को निकालो,

वतन के इन दुश्मनों को मारो,

ये देश है खतरे में ए -मेरे -हमवतन,

भारत माँ के सम्मान को बचा लो!!

 

भारतमाता तुम्हें पुकारे आना ही होगा,

कर्ज अपने देश का चुकाना ही होगा,

दे करके कुर्बानी अपनी जान की,

तुम्हे मरना भी होगा मारना भी होगा।

किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया हूँ,

मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ,

मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ,

मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ।

 

लुटेरा है अगर आजाद तो अपमान सबका है,

लुटी है एक बेटी तो लुटा सम्मान सबका है,

बनो इंसान पहले छोड़ कर तुम बात मजहब की,

 

लड़ो मिलकर दरिंदों से ये हिंदुस्तान सबका है। 


Ummid karte hai ap sabhi ko Desh Bhakti shayari acche lage honge, apne dosto ke sath share karna na bhule.

 
Flowers