सुबह जल्दी उठें : आयुर्वेद में ब्रह्म मुहूर्त में उठने की सलाह दी गई है यानी कि सूर्योदय के 2 घंटे पहले। इसका कारण ये है कि दिन की शुरुआत करने से पहले अपनी शरीर की सफाई और इस पर ध्यान देने के लिए पर्याप्त समय होता है। अगर आप इतनी जल्दी नहीं उठ सकते हैं तो धीरे-धीरे इसकी आदत डालें। जल्दी ही आपको इसकी आदत पड़ जाएगी।
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उठते ही पानी पीए : पानी पीना हर किसी के लिए अनिवार्य है। कम से कम 8 से 10 गिलास पानी व्यक्ति को दिन भर में पीना ही चाहिए. कुछ लोगों की आदत होती है उन्हें सुबह उठते ही सबसे पहले चाय चाहिए होती है। लेकिन ये गलत है। सुबह-सुबह खली पेट चाय पीने से आप तरह-तरह की बीमारियों को निमंत्रण देते हैं। इसलिए महिला हो या पुरुष सुबह उठने के बाद चाय नहीं बल्कि 2 गिलास पानी पीने की आदत डालें।
चेहरे पर पानी डालें : सुबह उठने के बाद आपको सबसे पहले अपने चेहरे पर पानी डालना चाहिए। खासतौर से आंखों पर पानी के छीटें डालना आयुर्वेद में एक अच्छी एक्सरसाइज मानी गई है। ध्यान रखें कि ये पानी ना तो ज्यादा ठंडा होना चाहिए और ना ही गर्म। ये पानी कमरे के तापमान पर होना चाहिए।
सूर्य को अर्घ्य दें : सुबह सूर्यदेव को तांबे के लोटे से अर्घ्य देना शुभ माना जाता है। इससे पितरों की कृपा सदा हम पर बनी रहती है और सूर्य ग्रह भी मजबूत होता है। तांबे के पानी में कुंकुम व लाल फूल रखें। इससे सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं।
व्यायाम करें : सुबह उठकर लगातार और नियमित शारीरिक व्यायाम, प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ा देता है और यह हमारी नींद कम करता है इससे हमें सुबह उठने पर तकलीफ नहीं होतीहृदय रोग, रक्तवाहिका रोग, टाइप 2 मधुमेह और मोटापा जैसे समृद्धि के रोगों को रोकने में मदद करता है। यह मानसिक स्वास्थ्य को सुधारता है और तनाव को रोकने में मदद करता है।
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