नई दिल्ली: प्रत्येक वर्ष पहली जून को दुनिया भर में विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है। (1 June World Milk Day 2023) 23 वर्ष पूर्व 2001 में संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य एवं कृषि संगठन ने इस दिवस विशेष की शुरुआत की थी। इसका मुख्य उद्देश्य था, दूध में निहित पौष्टिक तत्वों को समझते हुए इसका सेवन करना।
शिशु हो या युवा अथवा वृद्ध, हर किसी की अच्छी सेहत के लिए दूध सर्वाधिक संतुलित और पौष्टिक पदार्थ माना जाता रहा है। दूध के साथ-साथ इससे निर्मित दही, मक्खन, घी, पनीर, रबड़ी और किस्म-किस्म की मिठाइयां इत्यादि भी हमारे सेहत के लिए लाभदायक होती हैं। दूध में मौजूद तमाम पौष्टिक तत्वों को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य एवं कृषि संगठन ने 1 जून को अर्पित करते हुए विश्व दुग्ध दिवस मनाने का फैसला किया, ताकि दूध के तमाम महत्वों की जानकारी से आम जनजीवन को अवगत कराया जा सके। गत वर्ष विश्व दुग्ध दिवस में करीब 72 से ज्यादा देशों ने भाग लिया था। आइये जानें विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर इसके महत्वों, इतिहास एवं उद्देश्यों के साथ दूध में निहित तमाम लाभकारी और औषधीय तत्वों के बारे में..
Global Day of Parents 2023: जानिए क्यों मनाया जाता है विश्व माता-पिता दिवस, जानें इसका इतिहास
क्या है विश्व दुग्ध दिवस का इतिहास?
साल 2001 में संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य एवं कृषि संगठन ने दूध के विभिन्न महत्वों को समझते हुए उपस्थित देशों के प्रतिनिधियों की सर्वसम्मति से 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस मनाने की घोषणा की थी। इसका मुख्य उद्देश्य जन-जन को दूध में निहित पौष्टिक तत्वों के प्रति जागरूक करना, डेयरी क्षेत्र में स्थिरता और आर्थिक विकास को सुदृढ़ बनाना था। (1 June World Milk Day 2023) इस दिवस की महत्ता को देखते हुए प्रत्येक वर्ष दुग्ध दिवस मनाने वाले देशों की संख्या में वृद्धि हो रही है।
विश्व दुग्ध दिवस का महत्व
विश्व दुग्ध दिवस दुनिया भर में लोगों के लिए दूध और डेयरी क्षेत्र के योगदान को एक पर्व के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य एवं कृषि संगठन के अनुसार यह दिवस विशेष दूध एवं डेयरी से जुड़े अन्य पदार्थों की उपयोगिताओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रेरित करने के लिए मनाया जाता है। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि सैकड़ों देश के लोग मिलजुल कर इस सेलिब्रेशन का हिस्सा बनते हैं, जहां तक भारत की बात है, तो कुछ वर्षों से भारत 150 मिलियन टन से अधिक उत्पादन करने और प्रतिदिन, प्रति व्यक्ति 300 ग्राम से अधिक दूध उपलब्ध करने वाला देश बन गया है। भारत में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस 26 नवंबर को मनाया जाता है, क्योंकि 26 नवंबर 1921 में श्वेत क्रांति के जनक एवं भारत के दुग्ध उत्पादन के जनक कहे जाने वाले वर्गीज कुरियन का जन्म हुआ था।
दूध में निहित पौष्टिक तत्व
दूध प्राचीनकाल से ही बहुपौष्टिक तत्वों से युक्त रहा है। इसमें तमाम औषधीय गुण हैं, जो शरीर को सभी रोगों से सुरक्षित एवं संरक्षित रखता है। एक गिलास ताजे दूध में कैल्शियम, प्रोटीन, फैटी एसिड, पोटैशियम, फास्फोरस, विटामिन डी, विटामिन B-12, विटामिन A और राइबोफ्लेविन (B-2), मैग्नीशियम एवं जिंक आदि होते हैं। दूध में युक्त कैल्शियम हड्डियों एवं दांतों को मजबूत रखता है। पोटैशियम ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है, फास्फोरस से हड्डियां मजबूत होती है। (1 June World Milk Day 2023) विटामिन D भी हड्डियों को मजबूत बनाता है, जबकि विटामिन B-12 लाल रक्त कणिकाओं और नर्वस टिश्यू को नियंत्रित करता है। विटामिन A रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती प्रदान करता है तथा आंखों की रोशनी को तेज बनाता है।