नई दिल्ली। Janmashtami 2022: देश में आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है। भगवान श्रीकृष्ण ने भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में रात्रि के समय में जन्म लिया था। इस वजह से लोग जन्माष्टमी को व्रत रखते हैं और रात्रि के समय में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हैं। अष्टमी तिथि की समाप्ति 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट पर हो रही है। वहीं बनारसी पंचांग में 19 तरीख को जन्माष्टमी मनाने पर जोर दिया गया है। इसके अलावा मिथिला पंचांग में 19 तारीख जन्माष्टमी व्रत दर्शाया गया है।
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Janmashtami 2022: इस साल यानी जन्माष्टमी 2022 पर वृद्धि और ध्रुव नामक दो शुभ योग बन रहे हैं। इन शुभ योग के कारण इस दिन का महत्व भी बढ़ गया है। ऐसी मान्यता है कि वृद्धि योग में बाल गोपाल की पूजा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। ब्रह्म मुहूर्त – 04.32 – 05.16 , अभिजित मुहूर्त – 12.04 – 12.56, गोधूलि मुहूर्त – 06.47 – 07.11 बजे तक है।
Janmashtami 2022: मध्याह्न रात के समय काले तिल जल से डाल कर स्नान करें। इसके बाद देवकीजी के लिए प्रसूति-गृह का निर्माण करें। इसके बाद श्रीकृष्ण मूर्ति या चित्र स्थापित करें। अब घर के मंदिर में श्री कृष्ण भगवान या फिर ठाकुर जी की मूर्ति को पहले गंगा जल से स्नान कराएं। फिर मूर्ति को दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और केसर के पंचामृत से स्नान कराएं। अब शुद्ध जल से स्नान कराएं। रात 12 बजे भोग लगाकर लड्डू गोपाल की पूजा अर्चना करें और फिर आरती करें। पूजा प्रारंभ करने के पहले खीरा जरूर काटें।