मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसान के लोटकर प्रदर्शन मामले में कर्मचारी निलंबित |

मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसान के लोटकर प्रदर्शन मामले में कर्मचारी निलंबित

मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसान के लोटकर प्रदर्शन मामले में कर्मचारी निलंबित

:   Modified Date:  July 18, 2024 / 10:38 PM IST, Published Date : July 18, 2024/10:38 pm IST

मंदसौर (मध्य प्रदेश), 18 जुलाई (भाषा) मध्य प्रदेश सरकार के एक कर्मचारी को बुजुर्ग किसान के प्रति ‘‘असंवेदनशीलता’’ दिखाने और ‘‘लापरवाही’’ बरतने के आरोप में बृहस्पतिवार को निलंबित कर दिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

किसान ने कथित भूमि हड़पने के विरोध में मंदसौर जिलाधिकारी कार्यालय के फर्श पर लोटकर का विरोध जताया था।

सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किए गए एक वीडियो में, सहायक ग्रेड कर्मचारी राजेश विजयवर्गीय मंगलवार को साखतली गांव के निवासी शंकरलाल नामक किसान के साथ-साथ चलते हुए दिखाई दे रहे हैं और उनकी शिकायतों को सुनने या हस्तक्षेप करने की कोशिश नहीं कर रहे हैं।

मंदसौर के जिलाधिकारी दिलीप कुमार यादव ने कहा कि विजयवर्गीय ने किसान को फर्श पर लोटने से नहीं रोका और उसकी सहायता नहीं की। उन्होंने कहा कि विजयवर्गीय किसान को जिलाधिकारी के बैठक कक्ष में भी नहीं ले गए जिससे वह अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहे।

जिलाधिकारी ने कहा कि यह रवैया एक लोक सेवक के रूप में कर्मचारी की ‘‘असंवेदनशीलता’’ को दर्शाता है। यादव ने निलंबन आदेश में कहा कि विजयवर्गीय किसान के प्रति संवेदनशीलता दिखाने या उसे जिलाधिकारी के समक्ष ले जाने के बजाय बैठक कक्ष में जाकर कुर्सी पर बैठ गए।

जिलाधिकारी ने कहा, ‘‘लोटते हुए किसान के साथ चलना और उसे ऐसा करने से रोकने का कोई प्रयास न करना विजयवर्गीय की लापरवाही, असंवेदनशीलता और सरकारी कर्मचारी के रूप में अपने कर्तव्यों के प्रति उदासीनता को दर्शाता है, जिसने प्रशासन की छवि को धूमिल किया है।’’

आदेश के अनुसार, कर्मचारी को उसके व्यवहार के मद्देनजर मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम और विनियम की संबंधित धाराओं के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

किसान ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन ने उसके पैतृक गांव में उसकी जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत का समाधान नहीं किया। अधिकारियों ने बुधवार को इस आरोप का खंडन किया।

किसान ने आरोप लगाया कि सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से भू-माफियाओं ने धोखाधड़ी से उसकी जमीन हड़प ली।

शंकरलाल ने कहा कि मंगलवार को प्रशासन द्वारा आयोजित जन सुनवाई के दौरान जब किसी ने उनकी शिकायत नहीं सुनी, तो उन्होंने विरोध स्वरूप जिलाधिकारी कार्यालय के फर्श पर लोटने का फैसला किया।

हालांकि जिलाधिकारी यादव ने बुधवार को जमीन हड़पने के आरोपों को खारिज कर दिया। आधिकारिक विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि जांच के अनुसार, किसी व्यक्ति या भू-माफिया ने संबंधित भूमि पर कब्जा नहीं किया है।

सुनवाई के दौरान शंकरलाल की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए यादव ने कहा कि उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) और तहसीलदार से रिपोर्ट मांगी गई। इसमें पाया गया कि शंकरलाल और उनके परिवार के सदस्यों के पास संयुक्त रूप से 3.52 हेक्टेयर भूमि है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि संयुक्त मालिकों में से एक संपत बाई ने 2010 में अपनी जमीन का हिस्सा अश्विन देशमुख को बेच दिया था, लेकिन खरीदार ने अभी तक उस पर कब्जा नहीं किया है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके विपरीत, शंकरलाल के पास ना केवल अपनी जमीन बल्कि संपत बाई के स्वामित्व वाले हिस्से पर भी कब्जा पाया गया।

जिलाधिकारी ने बताया कि एसडीएम के अनुसार, किसी व्यक्ति या भू-माफिया ने उक्त भूमि पर कब्जा नहीं किया है। यादव ने कहा कि यदि प्रशासन को उक्त भूमि पर अवैध कब्जे की कोई शिकायत प्राप्त होती है, तो कानूनी प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

शंकरलाल के विरोध प्रदर्शन का वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मामले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई और किसान को न्याय दिलाने की मांग की है।

भाषा सं दिमो आशीष

आशीष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)