नईदिल्ली : Sanjay Raut On Waqf Amendment Bill 2025: वक्फ संशोधन बिल पर लोकसभा में चर्चा के बाद आज राज्यसभा में चर्चा जारी है,इ इस दौरान कई नेताओं के तीखे और मजेदार बयान भी सामने आ रहे हैं। राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा के बीच शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ने भाजपा पर दिलचस्प तंज कसा, बोले: बैरिस्टर मोहम्मद अली जिन्ना ने भी कभी इतनी चिंता मुसलमानों की नहीं की थी, जितनी आप कल से कर रहे हो, मुझे तो लगा कि बैरिस्टर जिन्ना की आत्मा कब्र से उठकर आपके शरीर में घुस गई।
वक्फ संशोधन बिल को लेकर राज्यसभा में चर्चा जारी है। राज्यसभा सांसद संजय राउत ने भी अपने संबोधन के दौरान सरकार को निशाने पर लिया। बड़ी बात यह रही कि उन्होंने अपनी स्पीच में मोहम्मद अली जिन्ना का जिक्र तक कर दिया, तंज कसा कि सरकार के अंदर उनकी आत्मा आ गई है। एक कदम आगे बढ़कर संजय राउत ने ऊपदी सदन में दावा किया कि सरकार हिंदू राष्ट्र नहीं हिंदू पाकिस्तान बनाने की कोशिश कर रही है।
संजय राउत ने कहा कि मैंने सभी का भाषण सुना, गृह मंत्री का भाषण सुना, कानून मंत्री का भाषण सुना, जितनी चिंता शायद बैरिस्टर जिन्ना ने नहीं की थी, उससे ज्यादा चिंता तो आप लोग कल से कर रहे हो। एक बार तो मुझे भी लगा कि कहीं बैरिस्टर जिन्ना की कब्र से आत्मा उठकर आपके शरीर में घुस गया। हमे तो पहले लगता था कि हम सभी मिलकर हिंदू राष्ट्र बना रहे हैं, लेकिन अब लग रहा है कि आप तो हिंदू पाकिस्तान बना रहे हैं।
सांसद राउत ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि यह जो बिल सरकार लेकर आई है, ये दूसरे मुद्दों से ध्यान भटकाने का एक तरीका है। एक तरफ ट्रंप ने 26 फीसदी टैरिफ लगा दिया, भारत को नुकसान हुआ, उसी दिन आप यह बिल लेकर आ गए। चर्चा तो इस बात पर होनी चाहिए थी कि ट्रंप ने जो यह टैरिफ लगाया है, इसका भारत पर क्या असर होने वाला है। लेकिन आपने लोगों का ध्यान इस बात से हटा दिया और फिर हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा उठा दिया।
वैसे संजय राउत के अलावा कई दूसरे नेताओं ने भी वक्फ बिल पर अपने विचार रखे हैं। एक तरफ सरकार इसे ऐतिहासिक मान रही है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष इसे मुस्लिमों के अधिकार छीनने का एक तरीका मान रही है। AIMIM प्रमुख ओवैसी ने तो लोकसभा के पटल से बुधवार को कहा था कि वक्फ संशोधन बिल के ज़रिये नरेंद्र मोदी सरकार ने देश की सबसे बड़ी अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ जंग का ऐलान किया है। इस बिल का मक़सद मुसलमानों को ज़लील और रुसवा करना है, मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाना इनका मक़सद है। ओवैसी के मुताबिक इस बिल के बाद कोई गरीबी दूर नहीं होने वाली है, बल्कि यह पूरी तरह आर्टिकल 14 का उल्लंघन है।
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