MP Scooty Yojana l Image Credit: MPDPR
नई दिल्ली/भोपाल। CM Mohan Yadav: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जापान यात्रा से आते ही दिल्ली विधानसभा चुनाव में जुट गए। उन्होंने 2 फरवरी को दिल्ली के कई विधानसभा क्षेत्रों में ताबड़तोड़ सभाएं और रोड-शो किए। सीएम डॉ. यादव ने रविवार शाम मालवीय नगर में बीजेपी प्रत्याशी सतीश उपाध्याय के समर्थन में प्रबुद्धजन सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने इस कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती पूजा से की। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलन कर सरस्वती मां को पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद वे आम आदमी पार्टी, अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस और राहुल गांधी पर जमकर बरसे। उन्होंने लोगों से कहा कि ये विधानसभा चुनाव अहम है। हमें अपना वोट देने से पहले कई बातों पर विचार करना चाहिए।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने झूठ की सीमा पार कर दी। उनसे कोर्ट कहा कि वे किसी फाइल पर साइन नहीं कर सकते, उसके बाद भी उन्होंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया। मैं मानता हूं कि अकेले केजरीवाल जेल नहीं गए, बल्कि एक मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें जेल होने पर सारे मतदाताओं का मत और विश्वास भी जेल चला गया। केजरीवाल अपने साथ-साथ जनता का मान-सम्मान भी जेल ले गए। सीएम डॉ. यादव ने कहा कि इस प्रबुद्धजन सम्मेलन में मौजूद वकीलों का दायित्व केवल इसी इलाके तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरी दिल्ली तक है। आप लोग जहां-जहां जाएं, वहां-वहां जेल जाने वाली घटना का जिक्र करें। ताकि, भविष्य में लोकतंत्र का मजाक न उड़े।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने बिना नाम लिए कांग्रेस और उसके पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि वे लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विकास का हिसाब मांग रहे, जिन्होंने खुद देश के विकास में कोई भूमिका अदा नहीं की। इमरजेंसी के वक्त आया इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला भुलाया नहीं जा सकता। उस वक्त लोकतंत्र की विजय हुई। उस वक्त इससे ज्यादा गौरव की बात तब हुई जब न्यायपालिका और सेना ने अपनी सीमा नहीं तोड़ी। विश्व देखता रह गया कि इमरजेंसी की उथल-पुथल के बाद भी एक सत्ता का परिवर्तन सहज हो गया।
CM Mohan Yadav: उन्होंने कहा कि जब आजादी के दौर के बाद कांग्रेस की सरकार केंद्र में थी तो उस वक्त वह अन्य राज्यों की सरकार को बिना बात के बरखास्त कर देती थी। उस दौर में केंद्र की कांग्रेस सरकार ने मध्य प्रदेश की अच्छी-खासी चल रही सुंदरलाल पटवा की सरकार को बरखास्त कर दिया था। कांग्रेस अपने पाप से बच नहीं सकती। इसलिए जरूरी है कि इस बार दिल्ली के चुनाव में वोट डालने से पहले इन सब बातों को सोचा जाए। सवाल एक वोट का नहीं है। इस वोट की गहराई का है, हमारे मन के भाव का है।