Open Window by Barun Sakhajee वंशवाद के आजमाए हथियार से भाजपा किस पर साध रही निशाना! क्या कांग्रेस को चित करके टार्गेट पर हैं क्षेत्रीय दल? |

Open Window by Barun Sakhajee वंशवाद के आजमाए हथियार से भाजपा किस पर साध रही निशाना! क्या कांग्रेस को चित करके टार्गेट पर हैं क्षेत्रीय दल?

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:47 PM IST, Published Date : June 6, 2022/12:44 pm IST

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Barun Sakhajeeबरुण सखाजी 

सह-कार्यकारी संपादक, आईबीसी-24

आजाद भारत की राजनीति में वंशवाद पर चर्चा कोई नई तो नहीं है, लेकिन इतनी अधिक पुरानी भी नहीं है। एक तरफ जहां मोदी की भाजपा कांग्रेस पर गांधी-नेहरू परिवार की छाया को देश का सबसे बड़ा वंशवाद बताते हुए थकती नहीं, तो वहीं कांग्रेस में भी उदयपुर चिंतन शिविर में पहली बार इस पर गंभीरता से सोचा गया। ऐसा क्या हो रहा है देश की राजनीति में कि ये पार्टियां इस पर इतने बड़े फलक पर बारबार वंशवाद पर हमले करती दिख रही हैं?

 

कांग्रेस पर आजमाया हथियार

 

मोदी की भाजपा शुरुआत से ही कांग्रेस पर आक्रामक रही है। अबकी नड्डा ने भी मध्यप्रदेश दौरे के दौरान नेता पुत्रों पर पार्टी की लाइन साफ कर दी है। भाजपा इसे अरसे से राजनीतिक मुद्दा बनाकर चल रही है। लेकिन कांग्रेस इस पर चर्चा से बचती रही है। कारण साफ है कि कांग्रेस में नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक परिवार का वर्चस्व रहा है। हालांकि पार्टी इसे वर्चस्व नहीं मानती। वह मानती है कि गांधी-नेहरू परिवार के बिना पार्टी सर्वाइव नहीं कर पाएगी। गांधी-नेहरू परिवार ने ही पार्टी को आज तक जोड़े रखा है। लेकिन इसके इतर आम लोगों में यह धारणा बलवती होती गई है कि कांग्रेस एक फैमिली केंद्रित पार्टी है। इसका भाजपा ने जमकर फायदा उठाया है और कांग्रेस को देशभर में नुकसान पहुंचाया है। लेकिन इस बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने वंशवाद को एमपी की धरती से अपनी ही पार्टी के अंदर से ललकारा है।

ताकि वंशवाद के हथियार की धार हो भोथरी

 

कांग्रेस ने उदयपुर चिंतन शिविर में जो कुछ बातें तय की हैं, उनमें से एक परिवार एक जिम्मेदारी की बात बड़ी अहम है। पार्टी ने यह रियलाइज किया है कि वंशवाद के कारण कांग्रेस को नुकसान हो रहा है। लेकिन संकट ये है कि पार्टी इससे बाहर नहीं निकल सकती है। इसलिए इसके काट के रूप में पार्टी के पास कुछ न कुछ होना जरूरी है। माना जा रहा है कि कांग्रेस के थिंकटैंक्स ने यह नया फंडा पार्टी को दिया है। इनका मानना है कि कांग्रेस पर लगी परिवारवाद की तोहमत को मिटाना है तो यह संदेश लाउडली देना होगा कि हम भी अधिकतम लोगों को जोड़ने के लिए इस रास्ते जाना चाहते हैं। कांग्रेस के थिंकटैंक मानते हैं कि इससे भाजपा की ओर से कांग्रेस के गांधी-नेहरू परिवार वाले वंशवाद पर हो रहे हमले का जवाब दिया जा सकेगा। वंशवाद पर आजमाए हुए भाजपाई हथियार की धार को भोथरा किया जा सकेगा।

 

वंशवाद एक जरूरी पैमाना

 

भाजपा का वंशवाद पर राग नया नहीं। लेकिन इस बार का राग नई दिशा के साथ उठाया गया है। पार्टी वंशवाद की छाया से ग्रसित न हो पाए, इसलिए पार्टी फोरम पर इसे पद देते समय का एक महत्वपूर्ण मापदंड बनाया जाए। इसके साथ ही भाजपा उन लोगों को भी संदेश देना चाहती है जो दूसरे दलों से उसके साथ आ रहे हैं। भाजपा इस मुद्दे के जरिए आम से आम कार्यकर्ताओं को अपने साथ नई स्प्रिट और एनर्जी के साथ जोड़कर रखना चाहती है।

 

क्षेत्रीय दलों को करना है चित तो छूना होगी वंशवाद की दुखती रग

 

दरअसल वंशवाद कांग्रेस की दुखती रग जरूर है, लेकिन यह हर पार्टी में कम या ज्यादा, है जरूर। कांग्रेस एक तरफ भाजपा के वंशवाद के हमले को डायल्यूट करने के लिए पार्टी में एक परिवार एक पद लागू करना चाहती है तो वहीं भाजपा का मकसद अब कांग्रेस नहीं है। भाजपा कांग्रेस को इस मामले में घेर चुकी है और यह लोगों की धारणा बनाने में भी कामयाब हो गई है कि कांग्रेस मतलब नेहरू-गांधी परिवार। यानी पीढ़ियों का पराधीन भारत से लेकर आजाद आधुनिक भारत तक का वंशवाद। इसलिए अब भाजपा दो मकसदों से इस मुद्दे को उठा रही है। पहला तो साफ है कि पार्टी में अंदर कहीं वंशवाद न रह जाए, जिसके कारण पार्टी को कभी बैकफुट पर जाना पड़े। दूसरा मकसद पार्टी अब उन क्षेत्रीय क्षत्रपों को इस बहाने घेरना चाहती है जो राज्यों में अपनी सल्तनत चला रहे हैं और पार्टियां पीढ़ी दर पीढ़ी हैंडओवर कर रहे हैँ। क्षेत्रीय पार्टियों की लोकप्रियता को भाजपा डायल्यूट नहीं कर पा रही है, लेकिन वह वंशवाद के मसले के जरिए क्षेत्रीय पार्टियों में सक्रिय मजबूत महत्वाकांक्षी उन कार्यकर्ताओं को जरूर यह विश्वास दिला सकती है, कि उनके अरमान असल में भाजपा में पूरे हो सकते हैं, न कि क्षेत्रीय वंशवादी पार्टियों में। भाजपा का रथ अब पूर्वोत्तर, दक्षिण भारत की ओर बढ़ रहा है। बंगाल में मुंह की खाने के बाद भाजपा ने इस रणनीति पर काम शुरू किया है।