नई दिल्ली। Heart Attack Risk: भारत में ज्यादातर आबादी ग्रामीण इलाकों मे बसती है इसलिए इसे ‘गांवों का देश’ कहा जाता है। पिछले कुछ समय से अच्छी शिक्षा पाने और रोजगार पाने के लिए युवाओं का पलायन बड़े शहरों की ओर काफी ज्यादा हुआ है। मेट्रोपॉलिटन सिटीज की चकाचौंध हर किसी को अपनी ओर खिंचती है, लेकिन व्यस्त जीवन शैली होने के कारण हम यहां रहने के नुकसान के बारे में गौर नहीं कर पाते। हम बात कर रहे हैं उस बड़े नुकसान कि जो शहरों में रहने की वजह से होता है।
कभी भी अपना घर ट्रैफिक से भरी सड़कों और भीड़-भाड़ वाली जगहों के आसपास न लें। यदि ऐसी जगहों पर आपका घर है तो इससे आपकी सेहत को काफी नुकसान हो सकता है। एक खोज में ये बात सामने आई थी कि ज्यादा शोरगुल से हार्ट अटैक का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है। खोजकर्ताओं ने ये भी बताया कि एरोप्लेन की आवाज के मुकाबले रोड और रेल ट्रैफिक की आवाज से स्वास्थ खराब और दिल से संबंधित बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है।
खोजकर्ताओं का कहना है कि विमानों के कारण होने वाला शोरगुल से स्वास्थ पर कम नुकसान पहुंचाता है, क्योंकि ये आवाज 65 डेसिबल से अधिक की नहीं होती है। तो वहीं ट्रैफिक के शोर से हमारी सेहत को काफी नुकसान पहुंचाता है। इसलिए जितना हो सकें सतना इन आवाजों से दूर रहने की कोशिश करें क्योंकि ये आपके दिल के लिए बिलकुल भी अच्छा नहीं है।
ये रिसर्च जर्मनी के ड्रेस्डन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में की गई। जो ‘डॉएच्च अर्जतेबलात इंटरनेशनल’ नाम एक रिसर्च मैग्जीन में प्रकाशित हुई थी। इसके शोधकर्ता आंद्रियास सिडलर और उनके को-राइटर ने 40 साल की उम्र के 10 लाख से ज्यादा स्वास्थ्य बीमा कंपनियों से मिली जानकारियों को खंघाला था। इस रिसर्च में राइन-मेन इलाके में रहने वाले लोगों के आसपास के रोड, रेलवे और ट्रैफिक की आवाज का साल 2005 में मुआयना किया। फिर साल 2014-15 में Heart Attack से अपनी जान गंवाने वाले लोगों से जुड़ी इंफॉरमेशन का इन दोनों रिसर्चर्स ने गहराई से अध्ययन किया। इस स्टडी में उन्होंने गाड़ियों के शोरगुल और हार्ट अटैक के बीच संबंध पाया।
ये शहर हमें अच्छी सुविधा देता तो है पर नुकसान भी उतनी ही तेजी से पहुंचाता है। शहरों में ट्रैफिक के हल्ले सो से हमारी सेहत को काफी ज्यादा नुकसान पहुंच रहा है। इसलिए अब लोग शहर में ऐसे जगहें पर घर बनाना पसंद करते हैं जो हो-हल्ला और प्रदूषण से दूर हो। ज्यादातर लोग अब छूट्टीयों में गांव जाना पसंद करते हैं ताकि शुद्ध वातावरण का आनंद ले सकें।