thrombosis dangerous disease: डीप वेन थ्रॉम्बोसिस या डीवीटी एक तरह से खून का जमना होता है। इसे खून का थक्का भी कहते हैं, जो शरीर में गहराई में मौजूद शिरा में बनता है। अधिकांश मामलों में ये थक्के निचले पैर या जांघ में बनते हैं। कुछ मामलों में नसों में सूजन भी आ जाती है। इस स्थिति को थ्रोम्बोफ्लिबिटिस कहा जाता है।
यदि डीप वेन थ्रोम्बोसिस में बना थक्का अपनी जगह से हिल जाता है तो फेफड़ों को नुक्सान पहुंचा सकता है। इससे जान भी जा सकती है। ये वेंस और आर्टरीज में हो सकता है। इससे आपका ओवरऑल हेल्थ बिगाड़ देता है जिससे जिंदगी मुश्किल बन जाती है। इसे पल्मोनरी एम्बोलिज़्म कहते हैं।
आपको बता दें कि लंबे समय तक बैठे रहने से आपको डीवीटी होने की संभावना बढ़ जाती है। कुछ दवाएं और विकार भी होते हैं जो आपके शरीर में रक्त के थक्के बनने का जोखिम बढ़ा सकते हैं। वे भी डीवीटी का कारण बन सकते हैं। थ्रोम्बोसिस एक मेडिकल कंडीशन है जिसमें ब्लड वेसेल्स के अंदर खून का थक्का जमने लगता है, जो ब्लड फ्लो में रुकावट पैदा करता है। वैसे तो दो तरह का खून जमना या खून का थक्का होता है। पहला एक्यूट डीवीटी और दूसरा क्रोनिक डीवीटी।
यदि नसों में थक्का बने अधिक समय नहीं हुआ है तो उसे एक्यूट डीवीटी के नाम से जाना जाता है। एक्यूट डीवीटी के उपचार में डॉक्टर का लक्ष्य नसों में रक्त प्रवाह को बहाल करना है। एक बार जब थक्का हटा दिया जाता है या भंग कर दिया जाता है, तो सूजन और दर्द आमतौर पर हल हो जाते हैं।
एक से दो महीने से अधिक पुराने थक्के को ‘क्रोनिक डीवीटी ‘ कहा जाता है। इसमें थक्का सख्त हो जाता है और नस पर निशान पड़ जाता है। इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप, नस बहुत छोटी हो जाती है और रक्त को प्रभावी ढंग से बहने नहीं देती है।