Former governor Satyapal Malik expressed apprehension of tampering in EVM

Satyapal Malik on EVM: इस पूर्व राज्यपाल ने खड़े किये EVM पर गंभीर सवाल.. कहा, ‘हरियाणा चुनाव के नतीजे के बाद से उठ गया भरोसा’.. इस्तेमाल पर रोक की मांग

Former governor Satyapal Malik expressed apprehension of tampering in EVM भाजपा ने हरियाणा के 90 में सीटों में से 48 विधानसभा सीटों पर कब्ज़ा जमाया जबकि कांग्रेस को 37 सीटें मिली।

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Modified Date: October 14, 2024 / 04:18 PM IST
Published Date: October 14, 2024 4:16 pm IST

Former governor Satyapal Malik expressed apprehension of tampering in EVM: नई दिल्ली: हरियाणा और जम्मू कश्मीर में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के बाद से लगातार एवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर गंभीर सवाल खड़े किये जा रहे है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस के साथ ही उनके सहयोगी दलों ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने ईवीएम में गड़बड़ी कर चुनावी नतीजों को प्रभावित किया है। वे इसके खिलाफ चुनाव आयोग से भी शिकायत कर चुके है।

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वही अब ईवीएम पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मालिक ने भी संदेह जताते हुए कहा है कि इसके उपयोग को बंद कर देना चाहिए। सत्यपाल मलिक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा, ‘हाल ही में हरियाणा में हुए चुनाव में पोस्टल बैलेट पेपर में कांग्रेस 76-16 से आगे चल रही थी, लेकिन जैसे ही ईवीएम वोटों की गिनती शुरू हुई, कांग्रेस धीरे-धीरे सत्ता से बाहर हो गई और बीजेपी सत्ता में आ गई थी। शुरुआती रुझान और एग्जिट पोल कांग्रेस की जीत दिखा रहे थे। लेकिन परिणाम विपरीत हुआ। मौजूदा हालात में ऐसा लग रहा है कि चुनाव आयोग और ईवीएम पर से भरोसा उठने लगा है। ईवीएम का नौटंकी कब तक चलेगा? आज AI का युग है। यदि निष्पक्ष चुनाव चाहते हैं तो ईवीएम को हटाना ही एकमात्र विकल्प है।

भाजपा ने दर्ज की शानदार जीत

Former governor Satyapal Malik expressed apprehension of tampering in EVM: गौरतलब हैं कि, हरियाणा में इस बार के चुनावी परिणाम कई लिहाज से काफी आश्चर्यजनक रहे है। सभी तरह के टीवी पोल्स, सर्वे में भाजपा के हार की भविष्यवाणी की गई थी। कांग्रेस को भी पूरी उम्मीद थी कि हरियाणा के मतदाताओं में सरकार को लेकर काफी गुस्सा है। खासकर किसान आंदोलन की वजह से भाजपा को नुकसान की पूरी आशंका थी। कांग्रेस ने हरियाणा में किसान आंदोलन के साथ ही अग्निवीर से जुड़े मामलों को चुनावी मुद्दा बनाया था लेकिन कांग्रेस की यह योजना फेल रही। भाजपा ने हरियाणा के 90 में सीटों में से 48 विधानसभा सीटों पर कब्ज़ा जमाया जबकि कांग्रेस को 37 सीटें मिली। पांच सीटें अन्य दलों के खाते में गई।

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