Red vermilion offered to Ganesh: नई दिल्ली। श्रीगणेश जी हिन्दुओं के मांगलिक कार्यो में प्रथम आराध्य देव हैं। प्रत्येक शुभ काम का प्रारंभ श्रीगणेशजी के निमंत्रण से होता है। प्रत्येक पूजा में सर्वप्रथम श्रीगणेशजी का ही स्मरण और पूजन किया जाता है। श्रीगणेश जी की प्रतिमा अनेक रूपों में और अनेक प्रकार से लौकिक रूप से स्वीकार की जाती है। सुपारी या साबुत हल्दी पर मौली का धागा लपेटकर और सिंदूर व वर्क से चोला चढाकर भी गणेश प्रतिमा बनाई जाती है।
इस बार 31 अगस्त 2022 को बड़े उल्लास के साथ गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन सुख-समृद्धि के देवता भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था। गणपति महाराज को शुभ, बुद्धि, सुख और समृद्धि का देवता माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जहां गणेश जी स्वयं विराजते हैं, वहां रिद्धि-सिद्धि , शुभ-लाभ भी निवास करते हैं। पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि उनकी पूजा से शुरू किए गए किसी भी कार्य में कोई बाधा नहीं आती है, इसलिए भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है।
जानें क्यों चढ़ाया जाता है सिंदूर ?
Red vermilion offered to Ganesh: गणेश पुराण की कथा के अनुसार, जब गणेश जी बाल्यावस्था में थे, तब उन्होंने सिंदूर नाम के एक असुर का संहार किया था। इसके बाद गणेश जी ने उसका रक्त अपने शरीर पर लगाया था। मान्यता है कि इस वजह से गणपति महाराज को लाल सिंदूर बहुत प्रिय है। गणेश जी को स्नान कराने के बाद लाल सिंदूर चढ़ाने से गणेश जी का आशीर्वाद मिलता है। घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। गणेश जी की कृपा से आपको हर क्षेत्र में सफलता मिलेगी।
Read more: कभी भी श्री गणेश को अर्पित ना करें ये 5 चीजें, वरना नहीं मिलेगा पूजा का फल
गणपति को सिंदूर चढ़ाने के फायदे
Red vermilion offered to Ganesh: सिंदूर चढ़ाने से व्यक्ति को शांति और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। सिंदूर चढ़ाने से शीघ्र विवाह की मनोकामना पूर्ण होती है। जिन दंपत्तियों को संतान नहीं होती है, उन्हें बुद्धिमान और स्वस्थ संतान की प्राप्ति का वरदान मिलता है। महत्वपूर्ण कार्यों पर घर से निकलने से पहले गणेश जी को सिंदूर अर्पित करने से शुभ समाचार मिलते हैं। नौकरी के लिए इंटरव्यू और परीक्षा देने जाते समय भी गणेश जी को सिंदूर चढ़ाना शुभ होता है।