These measures of Lord Ganesha increase wealth: हिंदू पंचांग के अनुसार भादपद्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इस कारण गणेश चतुर्थी का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में एक कहावत है, “शुभ मुहूर्त कीजै शुभ काजा, तो फल मिले मनचाहा” इसका सरल अर्थ है, किसी भी काम को शुभ मुहूर्त देखकर करने से अधिक लाभ मिल सकता है।
गणेश चतुर्थी के दिन अगर आप गणपति बप्पा को घर लाने और उनकी स्थापना करने की सोच रहें हैं तो शुभ समय ध्यान में रखना जरूरी है। इस बार यह त्योहार 19 सितंबर को मनाया जा रहा है। अगर आप बप्पा की मूर्ति स्थापना करने वाले हैं तो 11 बजकर 18 मिनट से दोपहर 01 बजकर 34 मिनट के बीच मूर्ति स्थापना कर सकते हैं, क्योंकि 01:34 तक स्वाति नक्षत्र रहेगा।
गणेश जी की अलग अलग मूर्तियां अलग-अलग तरह के परिणाम देती हैं। पीले और रक्त वर्ण की मूर्ति की उपासना सबसे ज्यादा शुभ मानी जाती है। नीले रंग के गणेश जी को ‘उच्छिष्ट गणपति’ कहते हैं। इनकी उपासना विशेष दशाओं में की जाती है। हल्दी से बनी या हल्दी लेपन की हुई मूर्ति ‘हरिद्रा गणपति’ कहलाती है। विशेष मनोकामनाओं के लिए इसका पूजन किया जाता है।
These measures of Lord Ganesha increase wealth: एकदंत गणपति श्याम वर्ण के होते हैं। इनकी उपासना से अदभुत पराक्रम की प्राप्ति होती है। सफेद रंग के गणपति को ऋणमोचन गणपति कहते हैं। इनकी उपासना से ऋणों से मुक्ति मिलती है। चार भुजाओं वाले लाल रंग के गणपति को ‘संकष्टहरण गणपति’ कहते हैं। इनकी उपासना से संकटों का नाश होता है। वहीं, त्रिनेत्रधारी, रक्तवर्ण और दस भुजाधारी गणेश ‘महागणपति’ कहलाते हैं। इनके अंदर समस्त गणपति समाहित होते हैं। घर में सामान्यतः पीले या लाल रंग के गणपति ही स्थापित करने चाहिए।