नई दिल्ली । आज दुनियाभर में विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाएगा। मलेरिया के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए इसका आयोजन किया जाता है। एक छोटे से मच्छर को अनदेखा करने से पूरा जीवन खराब हो जाता है। इस वेक्टर जनित बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इससे निपटने के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस विश्व स्तर पर मनाया जाता है। मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है, जो मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से होती है। हव वर्ष विश्व मलेरिया दिवस के लिए अलग अलग थीम रखी जाती है।
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साल 2023 के लिए भी विश्व मलेरिया दिवस की एक अलग थीम तय कर दी गई है। इस साल विश्व मलेरिया दिवस की थीम रखी गई है ‘Ready To Combat Malaria’ यानी मलेरिया से लड़ने के लिए तैयार। इस थीम के पीछे का मकसद लोगों को मलेरिया से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए जागरूक करना है। मलेरिया के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना एक बड़ा मिशन है। आमतौर पर लोग मच्छरों से खुद को बचाने के प्रति भी गंभीर नहीं रहते हैं। ज्यादातर लोग मलेरिया के सभी प्रकार और उनकी गंभीरता से भी वाकिफ नहीं हैं। मच्छर को छोटा जीव समझ उनके तेजी से पनपने को अनदेखा करना और मलेरिया के प्रति लोगों के लापरवाह रवैये को बदलने के लिए ये दिन महत्वपूर्ण माना जाता है।
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25 अप्रैल 2008 को पहली बार विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया था। UNICEF ने इस दिन को मनाने का उद्देश्य बताया जिसमें विस्तारित है कि मलेरिया जैसी खतरनाक बीमरी पर जनता का ध्यान केंद्रित होना चाहिए क्योंकि सिर्फ मलेरिया से हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। विकासशील देशों में मलेरिया के केस ज्यादा फैलते हैं और यह बीमारी मच्छ के कारण मुख्यरूप से फैलती है। प्रोटोजुअन प्लासमोडियम नाम का एक कीटाणु होता है जिसके प्रमुख वाहर मादा एनोफिलीज मच्छर हती हैं जो संक्रमित व्यक्ती से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति में कीटाणुओं को फैलाने का काम करते हैं।
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