History of International Women’s Day : नई दिल्ली। समाज और देश के विकास में जितना योगदान पुरुषों का है, उतना ही महिलाओं का। हालांकि महिलाओं को पुरुषों के समान उतना अधिक सम्मान और अवसर नहीं मिलते। लेकिन वक्त के साथ महिलाएं घर परिवार की चार दीवारों को पाकर करके राष्ट्र निर्माण में अभूतपूर्व योगदान दे रही हैं। खेल जगत से लेकर मनोरंजन जगत तक और राजनीति से लेकर सैन्य व रक्षा मंत्रालय तक में महिलाएं बड़ी भूमिका में हैं।
History of International Women’s Day : अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ष 8 मार्च को विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्रेम प्रकट करते हुए, महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों एवं कठिनाइयों की सापेक्षता के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। इसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा चयनित राजनीतिक और मानव अधिकार विषयवस्तु के साथ महिलाओं के राजनीतिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए मनाया जाता हैं।
History of International Women’s Day : कुछ लोग बैंगनी रंग के रिबन पहनकर इस दिन का जश्न मनाते हैं। सबसे पहला दिवस, न्यूयॉर्क शहर में 1909 में एक समाजवादी राजनीतिक कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया गया था। 1917 में सोवियत संघ ने इस दिन को एक राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया, और यह आसपास के अन्य देशों में फैल गया। इसे अब कई पूर्वी देशों में भी मनाया जाता है।
History of International Women’s Day : वर्ष 1908 में न्यूयॉर्क में 12-15 हजार महिलाओं ने एक रैली निकाली थी। इन महिलाओं की मांग थी कि नौकरी के कुछ घंटे कम करने के साथ ही सैलरी उनके काम के अनुसार दी जाए और उन्हें वोट देने का भी अधिकार मिले. इस मजदूर आंदोलन को ध्यान में रखते हुए ठीक एक साल बाद अमेरिका के सोशलिस्ट पार्टी ने प्रथम नेशनल वुमन डे घोषित किया था। फिर वर्ष 1911 में डेनमार्क, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया, जर्मनी में प्रथम अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सेलिब्रेट किया गया था। 8 मार्च, 1975 में महिला दिवस को आधिकारिक तौर पर मान्यता दी गई, वह भी तब, जब युनाइटेड नेशंस ने इसे वार्षिक तौर पर एक स्पेशल थीम के तहत मनाना शुरू किया।
इस स्पेशल डे को सेलिब्रेट करने का सिर्फ एक ही उद्देश्य है कि महिलाओं को बराबर का दर्जा प्राप्त हो। सभी अधिकार दिए जाएं, जिसकी प्रत्येक महिला हकदार है। किसी भी क्षेत्र में भेदभाव ना किया जाए. कई देशों में तो इस दिन महिलाओं को ऑफिस में हाफ डे भी दिया जाता है। इस दिन महिलाओं के अधिकारों के प्रति ध्यान दिलाने और लोगों को जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रम, कैंपेन भी आयोजित किए जाते हैं।
Follow us on your favorite platform: