Modi government changed the 92 years old tradition of rail budget: देश का आम बजट 1 फरवरी को पेश होने वाला है। पूरे देश की जनता इसका बेसबरी से इंतजार कर रही है। ये बजट मोदी सरकार का साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पेश होने वाला आखिरी पूर्ण बजट पेश है। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी 2023 को संसद में सुबह 11 बजे देश का बही-खाता जनता के सामने पेश करेंगी। आम बजट में रक्षा, शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ ही भारतीय रेलवे से जुड़ी महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की जाएंगी।
बता दें मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में बजट से जुड़ी कई पुरानी परंपराओं में बदलाव किया है, जिसमें रेल बजट भी शामिल है। साल 2017 से पहले भारतीय रेलवे के लिए अलग से रेल बजट पेश किया जाता था। देश के रेल बजट को अलग से पेश करने की परंपरा नई नहीं थी, बल्कि आजादी के पहले से चली आ रही थी। देश में रेल के लिए अलग बजट का सिलसिला साल 1924 से जारी था। इस आम बजट पेश होने के एक दिन पहले पेश किया जाता था, लेकिन जब केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार आई तो रेल बजट की परंपरा को भी साल 2016 में बदलने का काम किया गया। नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के आम बजट में रेल बजट को मिलाकर पेश करने का ऐलान किया और 2017 से ये एक साथ पेश किया जाने लगा।
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Modi government changed the 92 years old tradition of rail budget: नरेंद्र मोदी सरकार ने 92 साल से चली आ रही इस परंपरा तो खत्म करते हुए आम बजट और रेल बजट को एक साथ पेश करना शुरू कर दिया और अब तक ये कायम है। मोदी सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रेल बजट को आम बजट के साथ ही पेश करने का काम सबसे पहले किया था। इतना ही नहीं नीति आयोग ने भी सरकार को दशकों पुराने इस चलन को खत्म करने की सलाह दी थी। काफी विचार-विमर्श और अलग-अलग अथॉरिटीज के साथ विचार करने के बाद सरकार ने रेलवे बजट को आम बजट में मिलाने का सला किया। इसके बाद से ही ब्रिटिश शासन काल में 1924 से जारी रेल बजट से जुड़ी परंपरा बदल गई।
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