Mata Bees Bhuji: गुना के बजरंगगढ़ में दुर्गम पहाड़ी पर स्थित है माता बीस भुजी का प्राचीन मंदिर जहां वर्षों से गूंज रहे हैं माता के जयकारे। माता के दर पर भक्तों को कई सीढि़यां चढ़नी पड़ती है तब जाके भक्तों को होते हैं माता के दर्शन। देश के कई हिस्सों में माता के प्रसिद्ध मंदिर हैं उनमें से एक है गुना जिले के बजरंगढ़ में विराजी है माता 20 भुजी का मंदिर। माता रानी के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं और माता के दर पर अपने लिए प्रार्थना करते हैं। माता के इस धाम को चमत्कारों और पुरानी मान्यताओं के लिए जाना जाता है।
कर्ण के कष्टों किया था निवारण
स्थानीय लोगों का मानना है कि भक्तों को माता की कभी 17 तो कभी 19 तो कभी 15 भुजाएं ही दिखती है। सिर्फ उस भक्त को यहां माता की 20 भुजा दिखाई देती हैं जिसपर माता की कृपा हो जाती है। इस मंदिर को लेकर यह भी मान्यता है कि महाभारत काल में जब भगवान परशुराम ने कर्ण के झूठ पर श्राप दिया था तब अपने पाप का प्राश्चित करने के लिए कर्ण यहां माता के दरबार में आए थे। तब माता ने उनके कष्टों का निवारण किया था।
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मंदिर में स्थापित है पंच कपाल शिवलिंग
मंदिर में माता के साथ ही एक शिवलिंग भी स्थापित है। शिवलिंग को पंच कपाल शिवलिंग के रूप में पूजा जाता है। शिवलिंग के एक कोने पर उल्लू, दूसरे कोने पर शेर, तीसरे कोने पर सियार, चौथे कोने पर बंदर, और पांचवे केंद्र पर इंसान स्थापित है। लोगों का मानना है कि भगवान नर्वदेश्वर की अराधना कर कई लोगों ने सिद्धि प्राप्त की है। अद्भुत शक्तियों को प्राप्त करने के लिए और मंत्रोच्चार शक्तियों को ग्रहण करने के लिए यह शिवलिंग विशेष रुप से स्थापित किया गया था। इसलिए यहां सिर्फ साधु संत और ज्ञान व शक्तियों की साधना करने वाले पंडित पुजारी ही बैठकर मंत्रोच्चार और साधना करते हैं। नवरात्रि के दौरान 9 दिन तक लगातार यहां पूजा अर्चना ध्यान भजन होता है।
आज भी कई कहानी करती है बयां
Mata Bees Bhuji: नवरात्रि के समय यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। श्रद्धालु अपने कष्टों का निवराण करने की माता से अर्जी लगाते हैं और माता सभी के कष्टों को हर लेती है। सुबह के समय सूरज की पहली किरण सीधे माता के दरबार पर पड़ती है। तब माता की आरती प्रारंभ होती है। दिन के दोनों पहर माता की आरती करने और शाम के समय डूबते हुए सूरज की लालिमा का सुंदर नजारा देखने के लिए लोग यहां हर रोज आते हैं। बजरंगगढ़ आज भी गुना जिले के काफी करीब है और अपनी प्राचीन पहचान लिए गुना जिले की शान के रूप में जाना जाता है। जहां प्राचीन मंदिर और किले आज भी पुराने समय की कहानी बयां करते नजर आते हैं।